लखनऊ। लोकसभा में बिल को विचार के लिए पेश करने के पक्ष में 303 और विपक्ष में 82 वोट पड़े। तीन तलाक बिल को पेश करने का प्रस्ताव पारित हो गया। अब बिल पर संशोधन पर वोटिंग हो रही है और ओवैसी की ओर से लाए गए संशोधन को सदन ने ध्वनिमत से खारिज कर दिया है। ओवैसी की ओर से दिए गए दूसरे संशोधन को भी सदन ने खारिज कर दिया है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने लोकसभा में आज 'तीन तलाक' विधेयक को पारित किए जाने के लिए सूचीबद्ध किया था। इससे पहले बुधवार को बीजेपी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर सदन में उपस्थित रहने को कहा था। हालांकि एनडीए गठबंधन में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जनता दल (यू) तीन तलाक बिल के विरोध में थे।
वहीं, कांग्रेस ने UPA के सभी सहयोगी दलों से बात की थी और सभी दल गुरुवार को लोकसभा में ट्रिपल तलाक बिल का विरोध करने पर सहमत हुए थे। कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने कहा था, "जहां तक ट्रिपल तलाक बिल का सवाल है, अपराध मानने वाले प्रावधान का पुलिस तथा सरकार द्वारा दुरुपयोग किया जा सकता है। इसलिए कांग्रेस उसका विरोध करेगी। अगर सरकार उस पर अड़ी रहती है, तो हम मत विभाजन की मांग करेंगे।"
K Suresh, Congress MP: As far as Triple Talaq Bill is concerned, Criminality Clause maybe misused by police & govt. So we'll strongly oppose Criminality Clause. If the govt sticks to that, we'll ask for division. https://t.co/wT78a2D9Xc
— ANI (@ANI) July 25, 2019
बता दें, इस विधेयक में एक साथ और अचानक तीन तलाक दिए जाने को अपराध करार दिया गया है। वहीं, ऐसा करने वाले शख्स को जेल की सजा सुनाए जाने का भी प्रावधान किया गया है।
तीन तलाक बिल इससे पहले मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान लोकसभा में पास हो गया था, लेकिन राज्यसभा में पेश नहीं हो पाया था। अब नई लोकसभा का गठन होने के बाद एक बार फिर बिल को सदन में पास कराने के लिए पेश किया जा रहा है। अभी इस बिल पर अध्यादेश आया हुआ है।
लोकसभा में सरकार को ये बिल पास कराने में कोई दिक्कत नहीं आएगी, लेकिन राज्यसभा में अभी भी बीजेपी के पास बहुमत नहीं है, ऐसे में उसकी सहयोगी पार्टी जदयू भी इस बिल पर साथ छोड़ती है तो सरकार के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।