बजट 2021: पशु पालन, मछली पालन से जुड़े लोगों के लिए क्या है खास इस बजट में?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2021-22 पेश करते हुए कहा कि मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए देश में पांच बड़े फिशिंग हब बनाए जाएंगे। पढ़िए बजट की खास बातें ..
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 2021 का आम बजट पेश करते हुए पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन के लिए कई घोषणाएं की हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में कहा, "हम आधुनिक मात्स्यिकी बंदरगाहों और फिश लैंडिंग सेंटर के विकास में पर्याप्त निवेश के लिए प्रास्तव कर रहे हैं। शुरू-शुरू में पांच मत्स्य बंदरगाहों- कोच्चि, चेन्नई, विशाखापट्टनम, पारदीप और पेटुआघाट का आर्थिक क्रियाकलापों के हब्स के रूप में विकास किया जाएगा। हम नदियों और जलमार्गों के किनारे अंतर्देशीय मत्स्य बंदरगाहों और फिश लैंडिंग सेंटर का भी विकास करेंगे।"
I am proposing substantial investments in the development of modern fishing harbours & fish landing centres. 5 major fishing harbours - Kochi, Chennai, Visakhapatnam, Paradip and Petuaghat will be developed as hubs for economic activities: FM Nirmala Sitharaman. #Budget2021 pic.twitter.com/q9iZE2F4kH
— ANI (@ANI) February 1, 2021
सीवीड फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने कहा, "सीवीड फार्मिंग एक ऐसे क्षेत्र के रूप में उभर रहा है जिसमें तटीय समुदायों के जीवन में परिवर्तन लाने की क्षमता है, इससे बड़े पैमाने पर रोजगार मिल सकेगा और अतिरिक्त आय पैदा की जा सकेगी। सीवीड उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए तमिलानाडु में एक मल्टीपर्पज सीवीड पार्क की स्थापना किए जाने का मेरा प्रस्ताव है।"
देश के पांच राज्यों केरल, के कोच्चि, तमिलनाडु के चेन्नई, आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम, ओडिशा के पारादीप और पश्चिम बंगाल के पेटुआघाट को फिशिंग हार्बर के रूप मे ंविकसित किया जाएगा। इसके साथ ही वित्तमंत्री ने अगले पांच सालों के लिए डीप सी मिशन की भी घोषणा की जिसके लिए 400 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है और एक्वाकल्चर उत्पादन के साथ ही अंतर्देशीय मत्स्य पालन में भी दूसरे स्थान पर है। साल 2018-19 के दौरान देश का मछली उत्पादन 137 करोड़ टन था, जिसमें अंतर्देशीय क्षेत्र का योगदान 95 लाख टन और समुद्री क्षेत्र का योगदान 41 लाख टन का था। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी का अलग से मंत्रालय बनाया गया था।
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