कृषि मंत्री ने की मेघालय के किसानों से मुलाकात, कहा, "किसानों की आय दोगुनी करने को वैज्ञानिक करें रिसर्च"
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे बदलाव के वाहक बनें और अपनी तकनीक को किसानों के खेतों तक ले जाएं।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने मेघालय के किसानों और वैज्ञानिकों से मुलाकात कर इस बात पर जोर दिया है कि उत्तर पूर्व के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले किसानों को आर्गेनिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। राधामोहन सिंह 28 जुलाई को मेघालय के उमियाम स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) का दौरा कर रहे थे।
किसानों और वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा, "अनुसंधान किसानों की आय बढ़ाने पर केंद्रित होना चाहिए। इसमें भी विशेष ध्यान मार्केटिंग और वैल्यू एडिशन पर दिया जाना चाहिए। जो भी तकनीक विकसित हो उसे किसानों के खेतों तक पहुंचाना होगा।" राधामोहन सिंह ने जैविक खेती को बढ़ावा देने की बात करते हुए कहा, "इस बात के प्रयास होने चाहिए कि इस इलाके के किसानों को हम जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करें।"
आज #मेघालय के एक ग़ांव लौसोंनतुन जहां के किसानों ने मिलकर "लौसोंनतुन फार्मर्स एसोसिएशन" बनाया एवं जैविक खेती प्रारम्भ की में जाने का अवसर मिला। यहाँ के किसान भारत सरकार के बागवानी मिशन का लाभ उठाकर अपनी आमदनी बढ़ा रहे है। मुझे इन किसानों के खेत एवं घर मे जाने का भी अवसर मिला। pic.twitter.com/aQR7oLSmP8
— Radha Mohan Singh (@RadhamohanBJP) July 29, 2018
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाएं और अपनी तकनीक को किसानों के खेतों तक ले जाएं। इसका परिणाम होगा कि किसानों की आमदनी बढ़ जाएगी। मंत्री ने वैज्ञानिकों से अपील की कि वे गोद लिए हुए गांवों के किसानों से लगातार संपर्क में रहें और उनके साथ परिवार के सदस्यों जैसा बर्ताच करें।
राधामोहन सिंह ने कृषि के विविधीकरण पर जोर देते हुए कहा कि इससे जुड़ी हुई गतिविधियों- जैसे बागवानी, डेयरी, मधुमक्खी पालन, मशरूम की खेती को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "किसानों की आय तभी दोगुनी होगी जब उनकी लागत कम होगी, उसमें वैल्यू एडिशन होगा और कृषि उत्पाद की सही तरह से मार्केटिंग होगी।।"
केंद्रीय मंत्री ने आईसीएआर की तारीफ करते हुए कहा कि वह क्षेत्र के किसानों के उत्थान के लिए अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों के बीच ऐसे समेकित कृषि मॉडलों का प्रचार किया जाए जहां लाभ और लागत का अनुपात 2 से ज्यादा हो। पानी के प्रभावी उपयोग के लिए माइक्रो-इरीगेशन को बढ़ावा दिया जाए।
समारोह में मौजूद वैज्ञानिकों ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के मिशन को पूरा करने का संकल्प लिया।