उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल खत्म, बिजली विभाग के निजीकरण का फैसला फिलहाल टला

उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल फिलहाल खत्म हो गयी है। बिजली की आपूर्ति भी शुरू हो गयी है। 20 से ज्यादा जिलों में 24 घन्टे से नहीं थी बिजली।

Update: 2020-10-06 16:03 GMT
बिजली विभाग के कर्मचारी निजीकरण के विरोध में हैं।

उत्तर प्रदेश के उन जिलों के लोगों के लिए राहतभरी खबर है जहां पिछले 24 घन्टे से बिजली नहीं थी। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को निजी हाथों में सौंपने का फैसला उत्तर प्रदेश सरकार ने 15 जनवरी 2021 तक टाल दिया है। इस फैसले के बाद बिजलीकर्मियों की अनिश्चिकालीन हड़ताल को कर्मचारी संगठनों ने वापस ले लिया है।

सरकार और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बीच मंगलवार छह अक्टूबर को हुई बैठक में पांच बिंदुओं पर सहमति बनी। बैठक में यह तय हुआ कि फिलहाल बिजली विभाग का निजीकरण नहीं होगा। यदि निजीकरण हुआ तो पहले बिजली विभाग के इंजीनियरों और कर्मचारियों की सहमति ली जायेगी। 

अगले साल 15 जनवरी 2021 तक निजीकरण की समीक्षा लगातार होती रहेगी। इसके साथ ही विभाग में भ्रष्टाचार खत्‍म करने, कंपनियों का घाटा कम करने, राजस्‍व वसूली बढ़ाने और बिलिंग सिस्‍टम को दुरुस्‍त करने में भी बिजली कर्मचारी संयुक्‍त संघर्ष समिति अपनी भूमिका निभाएगा। इस बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद बिजली कर्मचारी संयुक्‍त संघर्ष समिति ने हड़ताल खत्‍म की घोषणा की।


उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सोमवार से बिजली नहीं थी। ऐसे में हड़ताल खत्म होते ही मंगलवार देर शाम तक बिजली सप्लाई का काम शुरू हो गया था। संगठनों के बीच सरकार की ओर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और सुरेश खन्ना ने बात रखी।

शासन की ओर से अपर मुख्य सचिव ऊर्जा व पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष अरविंद कुमार, राज्य विद्युत उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक सैंथिल पांडियन व निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) ए.के. पुरवार ने समझौते पर दस्तखत किए। समझौते में कहा गया है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण का प्रस्ताव राज्य सरकार ने वापस ले लिया है।

आंदोलन के दौरान जिन भी स्थानों पर बिजली कर्मचारियों, संविदा कर्मियों, जूनियर इंजीनियरों, अभियंताओं अथवा संघर्ष समिति के पदाधिकारियों, सदस्यों के खिलाफ विभिन्न थानों में दर्ज हुए मुकदमों को बिना शर्त वापस लिया जाएगा। संघर्ष समिति की ओर से संयोजक शैलेंद्र दुबे, अखिलेश कुमार सिंह, वीपी सिंह, प्रभात सिंह, गोपाल बल्लभ पटेल, जय प्रकाश, माया शंकर तिवारी, सुहेल आबिद, परशुराम, प्रेमनाथ राय, डी.के. मिश्रा आदि ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।

उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण कंपनी (DISCOM) पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण के विरोध में उत्तर प्रदेश बिजली विभाग के कर्मचारी सोमवार को हड़ताल पर चले गये थे। इस कारण वाराणसी, देवरिया, चंदौली, बाराबंकी, प्रयागराज, मिर्ज़ापुर, गाजीपुर, आजमगढ़, भदोही सहित कई जिलों में पिछले 24 घंटे से ज्यादा समय तक बिजली गुल रही।

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