400 रुपए प्रति किलो से ज्यादा में भी बिकता है ये मशरूम

Update: 2019-07-02 12:15 GMT

कांकेर (छत्तीसगढ़)। बस्तर का लज़ीज बोड़ा बारिश के साथ बाजार में पहुंच चुका है। बस्तर के बाजारों में इन दिनों सबसे महंगी सब्जी के रूप में बोड़ा की आवक बढ़ गई है। आदिवासियों का जंगलो पर आश्रित वन संपदाओं में बोड़ा भी प्रमुख रूप से आता है, जिसे वो बेचकर अपने जीवन-यापन करते है।

बस्तर और मध्य छत्तीसगढ़ में इसे बोड़ा के नाम से जाना जाता है। वहीं उत्तरी छत्तीसगढ़ सरगुजा में यह पुटु कहलाता है। मध्य छत्तीसगढ़ के पूर्वी भाग में इसे पटरस फुटू भी कहते हैं। मानसून के आगमन के साथ ही साल के जंगलों में यह दो महीने तक ही यह मिल पाता है। शुरू में निकलने वाला गहरी रंगत का बोड़ा 'जात बोड़ा' कहलाता है, जबकि महीने भर बाद इसकी ऊपरी परत नरम होने के साथ सफेद होती जाती है तब इसे 'लाखड़ी बोड़ा' कहते हैं। खासकर जनजातीय जीवन मे यह सब्जी के रूप में आरम्भ से रहा है पर अब यह विशेष हो गया है। इसकी विशेषता का आलम ये है कि पिछले दिनों यह चार सौ रुपये प्रति किलो से अधिक के भाव मे बिकता है।


यह दरअसल एक प्रकार का माईक्रोलोजिकल फंगस है जो साल की जड़ों से उत्सर्जित केमिकल से विकसित होता है और साल की ही गिरी सूखी पत्तियों पर जीवित रहता है। मानसून आगमन पर यह जमीन की ऊपरी सतह पर उभर आता है जिसे कुरेद कर निकाला जाता है। बोड़ा सेलुलोज और कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत है। चूंकि यह मिट्टी से निकलता है, अतः अच्छी सफाई प्रमुख शर्त है। फिर इसे सब्जी की तरह बनाया जाता है।


जात बोड़ा का सीजन अभी तो शुरू हुआ है। इसके बाद लाखड़ी बोड़ा और फुटू (मशरूम) का आयेगा। सितम्बर लास्ट में ग्रे शेड वाला मोटा मशरूम भी निकलता है जिसका स्वाद सबसे शानदार रहता है। उसे दसरहा फुटू कहते हैं।

बाजार में आते ही लोग इसे खरीदने के लिये टूट पड़ते है। इसकी आवक सिर्फ शुरूआती बरसात तक लगभग एक माह तक ही होती है। इसलिये इसकी कीमत भी आसमान को छुती है। शुरूआती दौर में यह 1000 रू. किलो तक बिकता है। बाद में अधिक आवक से इसकी कीमत कम हो जाती है। पुटू यहां की सबसे महंगी सब्जियों में से एक है फिर भी इसके स्वाद के कारण लोग बड़े शौक से पुटू खरीद कर खाते है।


वरिष्ठ वनस्पति शास्त्री डॉ. एमएल नायक बताते हैं, "बोड़ा का वैज्ञानिक नाम एसट्रीअस हाइग्रोमेट्रिकस है। यह अंग्रेजी में फाल्स अर्थ स्टार के नाम से चर्चित है। इसमें प्रोटीन के अलावा, वसा, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर के अतिरिक्त जिंक और लौहतत्व का भंडार है। व्यवसायिक रूप से तैयार किए जाने वाले मशरूम की तुलना में प्राकृतिक रूप से अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं इसलिए लोग इसे मुंह मांगे दाम पर खरीद लेते हैं।"


 बस्तर और मध्य छत्तीसगढ़ में बोड़ा कहलाती है वहीं उत्तरी छत्तीसगढ़ सरगुजा में यह पुटु कहलाता है। मध्य छत्तीसगढ़ के पूर्वी भाग में इसे पटरस फुटू भी कहते हैं। यह अभी 100 से 120 रुपए पाव मिल रहा है। यह देश का सबसे महंगा सब्जी है। 

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