विश्व पर्यावरण दिवस : पौधा लगवाकर कराते हैं होमवर्क, शादी और जन्मदिन पर उपहार में देते हैं पौधे

देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती पर्यावरण को बचाना है। पेड़ों के लगातार हो रहे कटाव से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। इसी समस्या के समाधान में जुटी है बरेली की एक युवा टीम

Update: 2018-06-05 07:28 GMT

लखनऊ। "देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती पर्यावरण को बचाना है। पेड़ों के लगातार हो रहे कटाव से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। मानव जाति पर बुरा खतरा मंडरा रहा है। हमें पर्यावरण संरक्षण को लेकर खुद पहल करनी होगी। पौधरोपण के अलावा जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए, ताकि आने वाली पीढि़यों को बचाया जा सके।" यह कहना है बरेली के रहने वाले नवनीत शुक्ला (28वर्ष) का। पर्यावरण को बचाने के लिए नवनीत अब तक 5000 बार से ऊपर पौधरोपण कर चुके हैं। कुछ युवाओं के साथ मिलकर 'टीम 12' बनाया है, जो लोगों को पौधरोपण के प्रेरित करते हैं।

मूलत: महराजगंज जिले के रहने वाले नवनीत बरेली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट लेक्चरार हैं। नवनीत बताते हैं, "बचपन से ही मुझे पौधों से लगाव रहा है। बचपन में हर साल बरसात के दिनों में अपने खेतों में दर्जनों पेड़ लगाता था। मुझे देखकर गाँव और बच्चे भी प्रेरित हुए और वे भी अपने खेतों में पौधे लगाते थे। शिक्षक अमरेन्द्र शर्मा की प्रेरणा से मुझे राज्य स्तरीय बाल वैज्ञानिक का पुरस्कार प्राप्त हुआ। अमरेंद्र सर ने ही पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया। अब तक मैं करीब पांच हजार बार से अधिक पौधरोपण कर चुका हूं। "

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असाइनमेंट के रूप में एक-एक पौधा लगवाते हैं

नवनीत विश्वविद्यालय में पढ़ाने के दौरान अपने छात्रों से असाइनमेंट के रूप में एक एक पौधा लगवाते हैं और वर्ष के अंत तक देखभाल भी करवाते हैं। अपने मित्रों, सहपाठियों, परिवारजनों, गुरुओं और छात्रों के जन्मदिन पर नवनीत भेंट स्वरुप पौधे प्रदान करते हैं। इस कार्य में इनके दो भांजे कृष्णा और पार्थ भी बड़े मन से मदद करते हैं। हर महीने दोनों बच्चे नवनीत के साथ पास की नर्सरी में जाके पौधे खरीदते हैं। पौधा खरीदने की इनकी मदद ग्रुप की वरिष्ठ संस्थापक सदस्या प्रगति पंकज दीक्षित करती हैं। नवनीत ने युवाओं की एक संस्था भी बना रखी है जिसका नाम है टीम 12 । नवनीत के पौधरोपण मुहिम में नवीन शुक्ला, राहुल तिवारी, सुमित, आकांक्षा, विकास, नीलमणि, राहुल सिंह मिंटू का सहयोग विशेष रहता है। इसके अलावा टीम जल प्रबंधन और जल सरक्षण पर भी विशेष रूप रूप से कार्य करती है।

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लोगों को पौधरोपण के लिए करते हैं प्रेरित और भेंट करते हैं पौधे

नवनीत किभी प्रियजन की मांग पर मुख्यतः आम, पीपल, बरगद, पाकड़, इमली, गूलर, अमरक, अमरुद को भेंट करते हैं।नवनीत का कहना है, पेड़-पौधे हमारे मित्र होते हैं। पेड़ प्रकृति की वो देन है जिसका कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है। पेड़ हमारा सबसे घनिष्ठ मित्र हैं। हमारे द्वारा लगाया गया पेड़ सिर्फ हमें ही लाभ नहीं पहुंचाता बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों को लाभ पहुँचाता है। हवा, पानी, खाने-पीने की सामग्री, ईंधन, वस्त्र, जानवरों का चारा अन्य कार्यों में प्रयोग करने के लिए लकड़ी सब हमें पेड़ों से ही मिलता है। पेड़ पर्यावरण से कार्बन डाईऑक्साईड लेकर बदले में ऑक्सीजन देते हैं। पेड़ों के बिना धरती पर जीवन की कल्पना करना असंभव है। जिनमें एक पीपल भी है जो ऑक्सीजन अधिक मात्रा में देता है। पीपल की पल्लव छतरी बड़ी होती है जो तेजी से कार्बन डाई आक्साइड अवशोषित करती है। पर्यावरण प्रहरी मनोज निषाद के सलाह से बरेली-आंवला, बरेली-दिल्ली हाईवे पर कई छायादार वृक्ष लगाने का कार्य टीम ने किया है। 

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