वर्ष 2022 तक ई-नाम मंच से 22,000 मंडियों को जोड़ने की योजना

Update: 2019-01-24 10:31 GMT

मुंबई (भाषा)। केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि सरकार देश भर के साप्ताहिक और सप्ताह में दो बार लगने वाले अस्थायी बाजारों सहित सभी 7,500 कृषि उत्पाद विपणन समितियों (एपीएमसी) को वर्ष 2021-22 तक कृषि जिंसों के केन्द्रीकृत आनलाइन उपभोक्ता जिंस व्यापारिक मंच (ई-नाम) के साथ जोड़ने की योजना बना रही है।



'क्रॉप केयर फेडरेशन ऑफ इंडिया' द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि पहले से ही देश की 585 मंडियों को ई-नाम के साथ जोड़ा जा चुका है और वित्त वर्ष 2020 तक हम इसके साथ देश भर में 400 अन्य मंडियों को जोड़ देंगे। इसके बाद आनलाइन एपीएमसी की कुल संख्या 1,000 हो जायेगी। इसके अलावा देश भर में कृषि एवं गैर-कृषि जिंसों में कारोबार करने वाली करीब 14,500 तात्कालिक या अस्थायी मंडियां हैं जिन्हें कृषि मंत्रालय ई-नाम के साथ जोड़ना चाहती है।

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सम्मेलन में उन्होंने कहा, ''पहले से ही 585 मंडियां ई-नाम से सम्बद्ध हैं और हम वर्ष 2022 तक 22,000 मंडियों को इससे जोड़ने की योजना बना रहे हैं। यह वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में एक कदम और आगे होगा।सरकार कृषि क्षेत्र को विकसित करने और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है।''  उन्होंने कहा, "उत्पादन लागत कम करने, किसानों की उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने, अपव्यय रोकने और आय के वैकल्पिक स्रोतों को सुनिश्चित करने जैसे मुद्दों को निर्णायक तरीके से देखा जा रहा है।"

मंत्री ने कहा कि सरकार, उद्योग और किसान एक साथ काम करें तो कई चुनौतियों को दूर किया जा सकता है। सरकार उद्योग के साथ काम कर रही है ताकि किसानों को उनके सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने में मदद मिल सके। हालांकि, समर्थन की गति में तेजी लाने की जरूरत है।" सिंह ने कहा, ''देश में किसानों की स्थिति को सुधारने के लिए योजनाएं बनाने और लागू करने के लिए 2014 से 19 के बीच कृषि मंत्रालय का बजट आवंटन 2,11,694 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।   

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