कौन बनाता है हाई-वे पर 3-डी जेब्रा क्रॉसिंग, मिलिए मां-बेटी की जोड़ी से

Update: 2018-07-09 07:49 GMT

लखनऊ। भारत में हर साल सड़क हादसों में लगभग डेढ़ लाख मौतें होती हैं। हादसों की ज्यादातर वजह तेज़ रफ्तार मानी गई है। सरकार सड़क हादसों को रोकने के उपाय तो बहुत कर रही है लेकिल ज्यादा प्रभावी नहीं हो पा रहा। ऐसे में गुजरात के अहमदाबाद में रहने वाली मां-बेटी की जोड़ी ने सड़क हादसों पर लगाम कसने के लिए नायाब तरीका ढूंढ़ निकाला है। भारत सरकार भी इस प्रयोग से प्रभावित है।

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सरकार अब इसे अन्य प्रदेशों तक ले जाना चाहती है। '3-D आर्ट' लोगों में कौतूहल पैदा करता है। इससे प्रेरित होकर अहमदाबाद की सौम्या पांड्या ठक्कर ने अपनी मां शकुंतला पांड्या के साथ मिलकर अहमदाबाद में हाई-वे पर 3-डी जेब्रा क्रॉसिंग बनाया। तेज चल रही गाड़ियों के बीच सड़क को पैदल पार करना मुश्किल होता है।

सौम्या पांड्या ठक्कर और उनकी मां शकुंतला।

आम लोगों के साथ-साथ वाहन चालकों को जागरुक करने के लिए 3-डी जेब्रा क्रॉसिंग भारत की सड़कों के लिए एकदम नया प्रयोग है। गाँव कनेक्शन से बात करते हुए सौम्या ने बताया कि 3-डी जेब्रा क्रॉसिंग पेंट करने में सबसे बड़ी परेशानी आती है इसके व्यापक कैनवस से। धूप और उड़ती धूल पेंटिंग करने को और भी मुश्किल बनाती है। पेंटिंग के दौरान सड़क को डायवर्ट कर दिया जाता है इसलिए तय समय सीमा में काम ख़त्म करने के दबाव के साथ पेंट करना सबसे बड़ी चुनौती होती है।

भारतीय सड़कों के लिए अनूठा प्रयोग

चीन सहित अन्य देशों में 3-डी जेब्रा क्रॉसिंग को अच्छी सफलता मिली है। 3-डी जेब्रा क्रॉसिंग का आइडिया कॉन्सेप्ट भारतीय सड़कों के लिए अनूठा प्रयोग है। इसके बारे में सौम्या बताती हैं, "मैंने कभी कुछ ऐसा करने के लिए नहीं सोचा था। पढ़ाई के बाद मैंने कैनवास पेंटिंग का काम शुरू किया।" सौम्या कहती हैं, "मैंने अहमदाबाद-मेहसाना हाई-वे के कुछ एक्सीडेंट जोन पर प्रयोग के तौर पर पेंट 3-डी जेब्रा क्रॉसिंग बनाया था, उसकी सफलता से प्रभावित होकर वहां के स्थानीय अधिकारियों ने कुछ और हाई-वे पर 3-डी जेब्रा क्रॉसिंग बनाने को कहा। इसके बाद मैंने कई और शहरों में 3-डी जेब्रा क्रॉसिंग बनाया और प्रभाव भी दिखा।"

एक्वा शेड पेंटिंग्स के लिए लिम्का बुक में नाम दर्ज

सौम्या पांड्या ठक्कर मूल रूप से एक प्रोफेशनल पेंटर हैं। वो पिछले 15 सालों से अहमदाबाद में पेंटिंग कर रहीं हैं। अभी हाल ही में उन्होंने सबसे लंबी एक्वा शेड पेंटिंग्स बनाई हैं जिसके लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। प्रोफेशनल पेंटिग के अपने इस काम को वे अपनी मां शकुंतला ठक्कर के साथ मिलकर करती हैं। सौम्या कहती हैं, "हमारी आंखें 2 डी पेंटिंग ही देख सकती हैं, 3 डी पेंटिंग देखने के लिए हमें चश्मा लगाना पड़ता है और एक निश्चित दूरी और ऐंगल से ही कैमरे के जरिए ही हम इसे देख सकते हैं। लेकिन रोड में चलने वालों को ये स्लांटिंग लाइन और कुछ अलग तरीके का डिजाइन और कलर दिखाई देता है। इससे वे इस ज़ेब्रा क्रॉंसिंग को ध्यान से देखते हैं।"

30 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है

केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली की रिपोर्ट के अनुसार 3-डी जेब्रा क्रॉसिंग से विभिन्न वाहनों की रफ्तार पर 20 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा लगभग 30 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क सुरक्षा में विशेष योगदान देने लिए सौम्या और उनकी मां शकुंतला को सम्मानित किया और उनसे आगे भी योगदान देने की अपील की। अपनी मां के बारे में सौम्या बताती हैं कि उनकी प्रेरणा का मुख्य स्त्रोत उनकी मां ही हैं। सौम्या के साथ उनकी मां शकुंतला भी 3-डी पेंटिंग्स बनाती हैं। सौम्या को देश विदेश से अभी तक 50 से ज्यादा अवार्ड मिल चुके हैं। सौम्या और उनकी मां ने अभी तक गुजरात और नई दिल्ली के कई क्षेत्रों में 3-डी जेब्रा क्रॉसिंग बनाए हैं और सरकार अब अन्य प्रदेश में भी हाई-वे पर इसका प्रयोग करने जा रही है। जहां भी 3-डी जेब्रा क्रॉसिंग गए हैं वहां सड़क दुर्घटनाओं में गिरावट आई है।

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