ZyCoV-D: भारत में दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन को मिली मंजूरी

जायडस कैडिला का दावा है कि इसका टीका लक्षण वालों कोरोना वायरस मामलों के खिलाफ 66.6% और मध्यम कोविड-19 के लिए 100% प्रभावी है।

Update: 2021-08-20 14:39 GMT

जायडस कैडिला की तीन डोज वाली जायकोव-डी वैक्सीन को औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) ने आपात इस्‍तेमाल की मंजूरी दे दी है।

भारतीय दवा कंपनी जायडस कैडिला के कोविड-19 वैक्सीन जायकोव-डी कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए दुनिया का पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है।

अहमदाबाद स्थित दवा कंपनी ने 1 जुलाई को तीन-खुराक वाली डीएनए वैक्सीन, जायकोव-डी के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के कार्यालय में आपातकालीन उपयोग के लिए आवेदन किया था। कंपनी ने हाल ही में कहा था कि मंजूरी मिलने के दो महीने के भीतर कंपनी वैक्सीन लॉन्च कर सकती है।

जायडस कैडिला का दावा है कि इसका टीका लक्षण वालों कोरोना वायरस मामलों के खिलाफ 66.6% और मध्यम कोविड-19 के लिए 100% प्रभावी है। यह भी बताया गया कि टीका 12 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए सुरक्षित है।

भारत में अभी तक कोविड-19 से बचाव के लिए कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक वैक्सीन लगायी जा रही है। यह भारत का दूसरा स्वदेशी टीका और देश में इस्तेमाल के लिए अधिकृत होने वाली छठी वैक्सीन है। भारत में पहले ही जॉनसन एंड जॉनसन, मॉडर्ना, एस्ट्राजेनेका और पार्टनर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, भारत बायोटेक और रूस के गामालेया इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार टीकों को मंजूरी मिल गई है।

जायकोव-डी वैक्सीन को जैव प्रौद्योगिकी विभाग और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ साझेदारी में विकसित किया जा रहा है।

Similar News