बेनजीर भुट्टो की बेटी बख्‍तावर भुट्टो जरदारी ने पाकिस्‍तानी कानून को बताया ‘पाखंड’

Update: 2017-05-13 16:53 GMT
बख्‍तावर भुट्टो जरदारी का कहना था कि पाकिस्‍तान के हास्‍यास्‍पद कानून के तहत रमजान के दौरान उपवास न करने वालों को जेल की सजा दी जाती है। 

नई दिल्‍ली। पाकिस्‍तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की बेटी ने शुक्रवार को अपने देश के कानून की तीखी आलोचना करते हुए उसे 'पाखंड' बताया है।

भुट्टो के तीन बच्‍चों में से एक बख्‍तावर भुट्टो जरदारी का कहना था कि पाकिस्‍तान के हास्‍यास्‍पद कानून के तहत रमजान के दौरान उपवास न करने वालों को जेल की सजा दी जाती है पर आतंकियों को स्‍वतंत्र घूमने की इजाजत है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''यह इस्‍लाम नहीं है।'' उनके भाई बिलावल विपक्षी पाकिस्‍तान पीपुल्‍स पार्टी (PPP) के अध्‍यक्ष हैं।

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बख्‍तावर ने एहतराम-ए-रमजान को बताया बेतुका

बख्‍तावर ने एहतराम-ए-रमजान को बेतुका करार दिया, जिसके अनुसार रमजान के दौरान उपवास न रखने वालों को तीन माह की जेल होगी। पाकिस्तान के सैन्य तानाशाह जिया-उल-हक द्वारा 1981 में लागू किए गए गए इस कानून के अनुसार रमजान में सार्वजनिक रूप से खाने-पीने पर तीन महीने जेल तक की सजा हो सकती है। पाकिस्तान सरकार ने पिछले हफ्ते इस कानून को और कड़ा बनाते हुए इसमें आर्थिक दंड का भी प्रावधान लागू कर दिया।

बख्तावर भुट्टो ने ट्वीट किया, ''रमजान में पानी पीने के लिए तीन महीने की जेल, लेकिन स्कूली लड़की मलाला पर आतंकवादी जानलेवा हमला कर सकता है और टीवी पर मुस्कराता हुए दिख सकता है।'' बख्तावर का स्‍पष्‍ट संकेत इस बात की ओर था कि पाकिस्तान में मलाला यूसुफजई को गोली मारने के आरोप में किसी को भी सजा नहीं हुई है। रमजान में मुसलमान रोजा रखते हैं और सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी नहीं खाते-पीते।

बख्तावर भुट्टो ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि रोजा रखना इस्लाम के पांच बुनियादी सिद्धांतों में एक है लेकिन ऐसा कहां लिखा है कि ऐसा न करने वाले को गिरफ्तार किया जाए।

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