पिछले 52 वर्षों से आम की बागवानी करने वाले बागवान रज्जन अली इस समय बागवानी में खास ध्यान देते हैं, क्योंकि अगर इस समय ध्यान नहीं दिया तो फसल को काफी नुकसान हो सकता है।
रज्जन अली लखनऊ ज़िले के मलिहाबाद के कसमंडी कला गाँव के रहने वाले हैं। रज्जन अली बताते हैं, "पहले आम के बागों में इतने कीट-रोग नहीं लगते थे, लेकिन अब पिछले कई साल से कितना खर्च तो रोग-कीट के दवाओं में ही खर्च हो जाता है।" लखनऊ के मलिहाबाद, माल, काकोरी, बक्शी का तालाब ब्लॉक में बड़े स्तर पर आम की बागवानी होती है। यहां के किसान सिर्फ आम की फसल से ही कमाई करते हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में आग का उत्पादन भी कम हो रहा है।
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रज्जन अली ने पचास बीघा में आम की बाग लगाई है, इस समय वो और उनके बेटे बाग में कीटों से बचाव के कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं। केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. एके श्रीवास्तव बताते हैं, "ज्यादातर आम के बाग में फलन आ गई है, इसलिए इस समय उसमें लासा कीट व भुनगा कीट का भी प्रकोप बढ़ जाता है, इनसे बचने के लिए एमिडा क्लोरोपिट का छिड़काव करें अगर तब भी कीट न कम हो तो थायोमिथाक्जाम का छिड़काव करें।"
ज्यादातर आम के बाग में फलन आ गई है, इसलिए इस समय उसमें लासा कीट व भुनगा कीट का भी प्रकोप बढ़ जाता है, इनसे बचने के लिए एमिडा क्लोरोपिट का छिड़काव करें।डॉ. एके श्रीवास्तव, प्रमुख वैज्ञानिक, केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान
आम की बागवानी देश में बड़े स्तर पर की जाती है, आम उत्पादक प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, आन्ध्र प्रदेश, पश्चिमी बंगाल, तमिलनाडु, उडीसा, महाराष्ट्र, और गुजरात हैं। उत्तर प्रदेश में 250 हजार हेक्टेयर से ज्य़ादा रकबे पर आम की खेती होती है। भारत विश्व के सबसे बड़े आम निर्यातक देशों में से एक है।
"इस समय आम में पाउडरी मिल्ड्यू रोग का भी प्रकोप बढ़ जाता है, ये दिखने पर बागवान तुरंत केराथीन का छिड़काव करें, जिससे इसकी रोकथाम हो सके।" डॉ. एके श्रीवास्तव ने आगे बताया।
बाग में नमी बरकरार रखने के उपाय के बारे में वो बताते हैं, "आम में नमी बनाए रखने के लिए उसमें बाग में यूरिया डालकर गुड़ाई करें, जिससे बागों में नमी बनी रहेगी, जिससे फलों में वृद्धि में फायदा होगा।"