गेहूं उत्पादन नौ साल के निचले स्तर तक आने का अनुमान

Update: 2015-12-22 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

लखनऊ। इस साल देश में गेहूं की बुआई में आई कमी की वजह से उत्पादन में भारी गिरावट की आशंका जताई जा रही है। वेयरहाउसिंग कंपनी नेशनल बल्क हेंडलिंग कार्पोरेशन यानि एनबीएचसी ने साल 2015-16 की रबी फसलों के लिए पहला एडवांस अनुमान जारी किया है, जिसके मुताबिक इस साल देश में गेहूं का उतपादन 2006-07 के बाद सबसे कम रह सकता है। लेकिन चने के उत्पादन में बढ़ोतरी का अनुमान जारी किया गया है।

एनबीएचसी के के मुताबिक इस साल देश में गेहूं का रकबा घटकर सिर्फ 261.2 लाख हेक्टेयर तक सीमित रहने की आशंका है जिस वजह से उत्पादन घटकर 763.4 लाख टन तक सीमित रह सकता है, जो 2006-07 के बाद सबसे कम उत्पादन होगा।

पिछले साल भी देश में गेहूं के उत्पादन में भारी गिरावट दर्ज की गई थी और उत्पादन घटकर चार साल के निचले स्तर 889.4 लाख टन तक सीमित रह गया था।

चने के उत्पादन में बढ़ोतरी मुमकिन

एनबीएचसी के मुताबिक गेहूं के उत्पादन में तो गिरावट की आशंका है लेकिन सीजन में सबसे ज्यादा पैदा होने वाले दलहन चने के उत्पादन में बढ़ोतरी का अनुमान है। एनबीएचसी के मुताबिक इस साल देश में चने का रकबा 3.12 फीसदी बढ़कर 86.50 लाख हेक्टेयर तक रह सकता है जबकि पिछले साल देश में सिर्फ 83.8 लाख हेक्टेयर में चने की खेती हुई थी। इस साल चने की बुआई में बढ़ोतरी की वजह से इसके उत्पादन में भी करीब 7 फीसदी का इजाफा होने की उम्मीद है और उत्पादन बढ़कर 76.9 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों को देखें तो 17 दिसंबर तक देशभर में गेहूं का रकबा करीब 240 लाख हेक्टेयर, रबी दलहन का रकबा करीब 124 लाख हेक्टेयर और रबी तिलहन का रकबा करीब 70 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है।

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