इस बार भी महंगा रहेगा आम

Update: 2016-05-18 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

लखनऊ। इस वर्ष भले ही आम की पैदावार अच्छी रही हो लेकिन बाजार तक आते आते आम के महंगें होने की संभावना है। बागों से आम की तोड़ाई, पैंकिंग और दूसरे खर्चों के कारण दशहरी समेत दूसरे आम इस वर्ष भी महंगे ही बिकेंगे। 

लखनऊ जिला मुख्यालय से लगभग 35 किमी दूर माल क्षेत्र में एक बाग में आम तुड़वा रहे व्यापारी छोटा कुमार बताते हैं, “हर साल की तरह इस साल भी आम महंगा रहेगा। महंगाई की वजह महंगा लेबर (मजदूरी) है। आम को मंडी तक पहुंचाने के लिए गाड़ियों का किराया भी बढ़ गया है, जिस वजह से बढ़ी कीमतों पर खरीदना और उसे बेचना हमारी मजबूरी है।”

मजदूरी महंगी होने के कारण मलीहाबाद की फल पट्टी में इन दिनों मजदूरों की काफी कमी है। ज्यादा मजदूरी पाने के लिए ज्यादातर मजदूर लखनऊ शहर आ गए हैं, जिससे वहां मजदूरों की किल्लत हो गई है, दूसरे मनरेगा में लगातार जारी काम के चलते भी मजदूर आसानी से नहीं मिल रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ जो मजदूर मिल रहे हैं, वो तोड़वा समेत बाग के दूसरे काम के ज्यादा पैसे ले रहे हैं। इसके साथ ही आम को तोड़ने के लिए कई संसाधन भी बाजार में महंगे मिल रहे हैं। 

जैसे खोइचा, लग्गी, पेटी और कैरेट समेत कई वस्तुएं पिछले वर्ष की अपेक्षा लगभग डेढ़ गुना मंहगी हो गई हैं। इससे आम मालिक के साथ व्यापारी भी परेशान हैं। 

आम ढोने वाली गाड़ियां भी महंगी

लगातार डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी के चलते भार वाहक गाड़ियों ने अपना किराया बढ़ा दिया है। पिछले वर्ष गाड़ी से एक पेटी आम की उतराई एक रुपए थी जो इस वर्ष बढ़कर दो रुपए हो गई है। 

रिपोर्टर - सतीश कुमार सिंह

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