‘ठेका खेती भविष्य का रास्ता’

Update: 2018-01-12 21:07 GMT
फोटो: अभिषेक वर्मा

नई दिल्ली (भाषा)। केन्द्र सरकार ठेका खेती विधेयक के मसौदे पर उद्योग जगत और विभिन्न अंशधारकों की टिप्पणियों का विचार करने के बाद शीघ्र ही इसको अंतिम रूप प्रदान करेगी। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अगले कुछ सप्ताह में समावेश करने की स्थिति में होंगे

ठेका खेती कानून के मसौदे को अंशधारकों की टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक किया जा चुका है। राष्ट्रीय वर्षा सिंचित क्षेत्र (एनआरएए) एजेंसी के सीईओ अशोक दलवई ने एक कार्यक्रम के मौके पर कहा, “उद्योग जगत और विभिन्न अंशधारकों की टिप्पणियां पहले ही आ चुकी हैं। हम अगले कुछ सप्ताह में इनका समावेश करने की स्थिति में होंगे।“

ठेका खेती भविष्य का रास्ता

उन्होंने कहा, ”ठेका खेती भविष्य का रास्ता है क्योंकि यह कृषि एवं बागवानी की बर्बादी को रोककर इसे लाभप्रद बनाएगा। इस समय फसलों की बर्बादी का स्तर काफी अधिक है। एक बार यह आदर्श कानून तैयार हो जाता है तो इसे राज्य सरकारों को अपनाने के लिए उनके साथ साझा किया जाएगा।“ दलवई उद्योग संगठन पीएचडी चेम्बर की ओर से आयोजित शीत श्रृंखला आधारभूत ढांचा पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

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