यूपी : प्रधानमंत्री फसल बीमा के सामने कर्ज़माफी में जुटे बैंकों का भी अड़ंगा, 2 दिन में कैसे पूरा होगा लक्ष्य ?

Update: 2017-07-30 09:51 GMT
कृषि विभाग और राजस्व विभाग के बीच तालमेल न होने का मतलब यह है कि किसानों को भटकना पड़ रहा है।

लखनऊ। फसल बीमा कराने की अंतिम तारीख में 31 जुलाई है यानि 2 दिन बाकी हैं, लेकिन बैंकों के पास इसकी डिटेल नहीं कि कितने किसानों का फसल बीमा हो चुका है। दूसरी ओर लेखपाल किसानों को सर्टिफिकेट नहीं दे रहे, तो बैंककर्मी कर्जमाफी की डिटेल अपडेट करने में व्यस्त हैं। कृषि विभाग और राजस्व विभाग के बीच तालमेल न होने का मतलब यह है कि किसानों को भटकना पड़ रहा है।

''बीमा कराने के लिए लेखपाल से खेत की बुवाई का सर्टिफिकेट लेना है, लेकिन लेखपाल कह रहे हैं 11 अगस्त के बाद सर्टिफिकेट दे पाएंगे,'' गोरखपुर जिले के उरूवा ब्लाक के अमोड़ा गाँव् के किसान जयप्रकाश सिंह ने बताया।

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यूपी में लगभग 2.30 करोड़ किसान हैं, मौसम की अनिश्चितताओं और दैवीय आपदा से उनकी फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पंजीकरण के लिए 31 जुलाई, 2017 की अंतिम तारीख निर्धारित की गई है। लेकिन फसल बीमा के लिए जरूरी बुआई का सर्टिफिकेट लेखपाल 11 अगस्त के बाद जारी करना शुरू करेंगे।

खुद कृषि विभाग के अधिकारी भी स्वीकार कर रहे हैं कि फसल का बीमा नहीं हो पा रहा है। गोरखपुर जिले के उप कृषि निदेशक संजय सिंह ने बताया, ''किसानों की कर्जमाफी की जो घोषणा की गई है उसको लेकर बैंक पर लोड बढ़ गया है। इसका असर फसल बीमा पर पड़ रहा है। सरकार को चाहिए कि बीमा कराने की जो अंतिम तारीख आगे बढ़ाया जाए।''

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अधिसूचित फसल को बोने वाले सभी किसान कवर हैं। खरीफ सीजन में धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, उड़द, मूंग, अरहर, तिल, सोयाबीन और मूंगफली की बुवाई करने वाले किसान लाभ ले सकते हैं। इसके लिए ऋणी और गैर ऋणी दोनों प्रकार के किसानों को शामिल किया गया है। जिन किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड है वह उसी बैंक से बीमा करा सकते हैं जहां से किसान क्रेडिट कार्ड जारी हुआ है।

सुल्तानपुर जिले के ग्राम पंचायत इसूर जयसिंहपुर के ग्राम प्रधान और किसान वीरेन्द्र वर्मा ने बताया, ''एक हफ्ते पहले गाँव में बीमा कराने वाली कंपनी के कुछ कर्मचारी आए थे लेकिन उन्होंने अभी तक किसी का बीमा नहीं किया है।'' प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खरीफ के लिए किसानों को 2 प्रतिशत प्रीमियम, रबी के लिए 1.5 प्रतिशत और बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।

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वहीं, यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा, ''जिन किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड है, उनके लिए संबंधित बैंक ही बीमा करेंगे। लेखपाल किसानों को समय से खसरा उपलब्ध करा दें, इसके लिए निर्देश दिया जा चुका है।''

कुछ जिलों में कृषि अधिकारी पहल करके फसल बीमा में तेजी लाने की कोशिश कर रहे हैँ। बस्ती जिले के जिला कृषि अधिकारी डॉ. सतीश चंद्र पाठक ने बताया, ''प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों को लेखपाल से खसरा लेने में परेशानी आ रही है, बस्ती में किसानों के लिए ऐसी व्यवस्था की गई है कि लेखपाल हाथों-हाथ खसरा किसानों को दे रहे हैं। अगर किसी किसान को कोई समस्या आती है तो जिला कृषि अधिकारी कार्यालय उसे तुरंत संज्ञान में लेता है।''

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ललितपुर जिले के बिरधा ब्लॉक के ग्राम टिकरा तिवारी के रमेश तिवारी बताते हैं, ''प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर हमारे गाँव में किसानों को कोई जानकारी नहीं है। फसल बीमा कराने वाले भी कभी गाँव नहीं आए।''

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