अब खेती के लिए पानी की कमी नहीं होगी, प्रदेशभर में लगाए जाएंगे सोलर पंप 

Update: 2017-04-29 17:32 GMT
सोलर पंप। (फाइल फोटो)

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कई ऐसे गांव जहां पर विद्युतीकरण तो हो गया है लेकिन वहां पर विद्युत की आपूर्ति इतनी कम है कि किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिल पाती है। अब वहां के किसानों के लिए खुशखबरी है। उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ऐसे खेतों में 22 हजार सोलर पंप लगाने जा रहा है। इन सोलर पंपों को लगाने में 200 करोड़ की व्यवस्था विभाग ने कर ली है। उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के सचिव रजनीश गुप्ता ने बताया '' प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। परंपरागत सिंचाई के साधनों के अतिरिक्त सोलर पंप के जरिए किसान अपने खेतों में सिंचाई कर सकें इसके लिए सोलर पंप लगाने के लिए भारत सरकार से मांग की गई थी। जिसके बाद जल्द ही सोलर पंप लगाने का काम शुरू हो जाएगा। ''

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उत्तर प्रदेश में कुल खेती योग्य 253.00 लाख हेक्टेयर में 176.9 लाख हेक्टेयर ही सिंचित है। यानि प्रदेश में खेती योग्य जो जमीन है उसमें से 66 प्रतिशत पर सिंचाई की सुविधा है और 34 प्रतिशत क्षेत्र पर सिंचाई का साधन नहीं है। प्रदेश के जो सिंचित क्षेत्र हैं उसमे से 25 प्रतिशत भाग पर नहर और 67 प्रतिशत क्षेत्र पर नलकूप के जरिए सिंचाई होती है। बाकी क्षेत्रों की सिंचाई तालाबों के भरोस है। ऐसे में प्रदेश का खेती योग्य एक बड़ा हिस्सा आज भी मानसूनी बारिश पर निर्भर है। ऐसे क्षेत्र के किसानों को सिंचाई सुविधा के लिए सोलर पंप लगाना लाभदायक होगा।

नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डा. ए.के. सिंह ने बताया '' देश में ऊर्जा की खपत को पूरा करने में सौर उर्जा बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। भारत में 5 हजार अरब किलोवाट घंटा प्रतिवर्ष सौर उर्जा प्राप्त करता है। भारत के कुछ राज्यों में 250 से लेकर 300 दिन तक सूर्य चमकता है। उत्रत प्रदेश में 300 दिन से कम सूर्य नहीं चमकता है इसलिए उत्तर प्रदेश के लिए सौर उर्जा एक बेहतर विकल्प है। ''

उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहां ग्रिड के माध्यम से बिजली नहीं पहुंच पा रही है। उन सूदूर ग्रमीण स्थानों पर सौर ऊर्जा का खेती के कामों में लगे यत्रों में इस्तेमाल किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश कृषि निदेशालय के निदेशक ज्ञान सिंह ने बताया कि भारतीय कृषि जगत में सौर उर्जा से चलने वाले सिंचाई यंत्र जिसको सोलर सिंचाई पंप कहते हैं एक क्रांतिकारी खोज हैं।

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कृषि वैज्ञानिक एके सिंह ने बताया कि यदि ग्रामीण विकास का पूरी तरह बदलना है तो पूरे प्रदेश में सौर ऊर्जा के स्रोतों को बढ़ावा देना जरूरी है। सौर ऊर्जा पंप लघु और सीमांत किसानों के लिए महत्वपूर्ण सिंचाई यंत्र है। सोलर पंप के इस्तेमाल से जहां ऊर्जा संकट से काफी हद तक निपटा जा सकता है वहीं इससे कृषि भी प्रदूषणमुक्त बनती है। उत्तर प्रदेश में केन्द्र की सहायता से सोलर पंप योजना की शुरुआत पिछली सरकार के कार्यकाल में हुआ था लेकिन अब विभाग उन क्षेत्रों में सोलर पंप लगाने जा रहा है जहां पर इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।

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