किसान संगठनों ने जीएम सरसों की खेती के लिए मांगी अनुमति

Update: 2016-03-30 05:30 GMT
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नई दिल्ली (भाषा) देश के छह किसान संगठनों के एक मंच ने देश में जीएम सरसों के की खेती और व्यापार की अनुमति दिये जाने की मांग की है उनका कहना है कि इससे फसल की उपज और किसानों की आय को 1,000 करोड़ रुपए तक बढ़ाने में मदद मिलेगी

किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर तथा कृषि राज्यमंत्री मोहन भाई कुंडारिया को एक मांगपत्र भी सौंपा। अनुवाशिंक बदलाव के जरिए विकसित सरसों की नई किस्म को मान्यता देने का मामला पर्यावरण विभाग के तहत आने वाली जैव प्रौद्योगिकी मंजूरी समिति (जीईएसी) के समक्ष विचाराधीन है  

कंसोर्टियम ऑफ इंडियन फार्मर्स एसोसिएशन के महासचिव पी चेंगल रेड्डी ने यहां संवाददाताओं से कहा, इस मांग पत्र के जरिये हम सरकार से हमें अपने खेत में इस्तेमाल की जाने वाली प्रौद्योगिकी को चुनने का अधिकार मांग रहे हैं हमारा मानना है कि जीएम प्रौद्योगिकी की फसलों की खेती पारंपरिक संकर किस्म की फसलों के साथ-साथ की जा सकती है रेड्डी ने कहा कि भारत को अभी भारी मात्रा में खाद्य तेल आयात करना पडता है जीएम फसलों से घरेलू खाद्य तेल की कमी को काफी हद तक सीमित करने में मदद मिल सकती है उन्होंने कहा, "जीएम सरसों का वाणिज्यिीकरण खाद्य तेलों के आयात को कम करने में बड़े पैमाने पर मदद करेगा। किसान कोआर्डिनेशन समिति के अध्यक्ष यू एस मान ने कहा कि जीएम सरसों, जीएम कपास की तरह ही सफलता की कहानी को दोहरा सकती है

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