आवारा पशुओं से किसानों की फसल बचाएगी तारबंदी योजना, जानिए कैसे उठा सकते हैं लाभ

राजस्थान में कृषि विभाग आवारा पशुओं से फसल बचाने के लिए तारबंदी के लिए अनुदान दे रही है।

Update: 2021-09-09 07:43 GMT

इस पर सरकार कृषि विभाग के माध्यम से किसानों को लागत का 50% या अधिकतम 40000 रुपये प्रति किसान अनुदान देती है। फोटो: दिवेंद्र सिंह

आवारा पशुओं के कारण किसान खेती नहीं कर पाते हैं, क्योंकि पशुओं का झुंड पूरी की पूरी फसल बर्बाद कर देते हैं। फसलों को बचाने के लिए किसान तारबंदी करते हैं, लेकिन हर एक किसान के लिए तारबंदी करना मुश्किल होता है, क्योंकि इससे लागत बढ़ जाती है। लेकिन सरकार की इस योजना से हर कोई अपनी फसल बचा सकता है।

राजस्थान सरकार ने तारबंदी योजना शुरू की है, जिसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन तिलहन के अंतर्गत किसान अपने खेतों के चारों तरफ कांटेदार/चैनलिंक जाल लगा सकते हैं। इस पर सरकार कृषि विभाग के माध्यम से किसानों को लागत का 50% या अधिकतम 40000 रुपये प्रति किसान अनुदान देती है।

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कैसे लें इस योजना का लाभ

यह योजना पहले आओ पहले पाओ के आधार पर चलती है, इसलिए जो किसान सबसे पहले राज साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करेगा, उसे इस योजना का लाभ पहले मिलेगा।

क्या हैं नियम एवं शर्तें 

कम से कम तीन किसानों का एक समूह होना चाहिए, किसानों की की संख्या तीन से अधिक भी हो सकती।

किसानों के समूह के पास 3 हेक्टेयर (12 बीघा पक्की) भूमि का होना अनिवार्य है।

किसान तारबन्दी में विद्युत कनेक्शन प्रवाहित नहीं कर सकता।

कैसे करें तारबन्दी

तारबन्दी के लिए पोल लोहे , सीमेंट या पत्थर के हो सकते हैं। किसानों कम से कम 150 सेंटी मीटर ऊंची तारबन्दी करना अनिवार्य है।

जिसमे एक पोल से दूसरे पोल के बीच की दूरी कम से कम 3 X3 मीटर रखी जायेगी, जिसमें कम से कम 30 सेंटीमीटर हिस्सा जमीन के अंदर होना जरूरी है। दो पिलर के बीच 6 तार होरिजेंटल और 2 तार वर्टिकल लाइनों में लगाना जरूरी है।

किसान के स्वयं के नाम से भू-स्वामित्व नहीं होने की स्थिति में (कृषक के पिता के जीवित होने या मृत्यु पश्चात् नामान्तरण के अभाव में) यदि आवेदक किसान स्वयं के पक्ष में भू-स्वामित्व में नोशनल शेयर धारक का प्रमाण पत्र राजस्व/हल्का पटवारी से प्राप्त कर आवेदन के साथ प्रस्तुत करता है तो ऐसे किसान को भी अनुदान के लिए पात्र माना जायेगा। या फिर इस आशय का सरपंच से प्रमाण पत्र प्राप्त कर प्रस्तुत करे कि वह परिवार से अलग रहते हैं और राशन कार्ड व मनरेगा जॉब कार्ड अलग बना हुआ है।


क्या है जरूरी दस्तावेज

खेत की नवीनतम जमा बंदी, नक्शा ट्रेश, आधार कार्ड, जनाधारकार्ड, बैंक पासबुक, पासपोर्ट साईज का रंगीन फ़ोटो, सहमति देने वाले किसानों के शपथ पत्र, पटवारी द्वारा राजस्व विभाग का प्रमाण पत्र आदि साथ ले जाये व राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करें।

किसे नहीं मिलेगा इसका लाभ

किसी भी ट्रस्ट/सोसाइटी/स्कूल/कॉलेज/मंदिर/धार्मिक संस्थान आदि को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

कौन कौन किसान है इस योजना के पात्र 

राजस्थान तारबंदी सब्सिडी योजना का लाभ सभी श्रेणी के कृषकों को दिया जायेगा।

साल 2021-22 के लिए योजना कम्यूनिटी बेसिस पर की जाएगी, जिसमें कम से कम 3 हेक्टेयर क्षेत्रफल शामिल हो और कम से कम 3 किसान लाभान्वित हो।

प्रति किसान 400 रनिंग मीटर की सीमा तक अनुदान देय होगा और खेत की पेरिफेरी की लम्बाई 400 मीटर से अधिक होने पर शेष दूरी में किसान को खुद से तारबंदी करनी होगा। क्योंकि आवश्यक क्षेत्र में सर्पूण रूप से तारबंदी किया जाना सुनिश्चित करने के बाद ही अनुदान राशि कृषक को उपलब्ध करवाई जायेगी।

अधिक से अधिक कृषकों को लाभान्वित करने के मध्यनजर खेतों की वस्तुस्थिति के आधार पर सही प्रकार से पेरीफेरी का निर्धारण सम्बन्धित सहायक निदेशक कृषि (विस्तार)/उप निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद अथवा उनके द्वारा मनोनीत अधिकारी द्वारा किया जाएगा।

किसान द्वारा तारबन्दी करते समय खेत की वस्तुस्थिति के आधार पर सही प्रकार से ले-आउट बनाकर अत्यावश्यक साइड में प्राथमिकता के आधार पर तारबन्दी करवायी जाए। किसी किसान द्वारा खेत की उस तरफ जहां पहले से किसी दूसरे किसान द्वारा विभागीय अनुदान प्राप्त कर या फिर स्वयं के द्वारा तारबन्दी की गई है पर दोबारा तारबन्दी नहीं करायी जाए। पेरीफेरी के कृषकों द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा की तारबन्दी का सही प्रकार से उपयोग हो रहा है।

पेरीफरी के निर्धारण उपरान्त प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जायेगी और निर्धारित पेरीफेरी में इसके उपरान्त कोई बदलाव नहीं किया जायेगा।

एक किसान को पेरीफेरी पर खेत की लम्बाई के अनुसार तारबन्दी के लिए 400 रनिंग मीटर की सीमा तक अनुदान दिया जायेगा।

नोट:- इस योजना की अधिक और संपूर्ण जानकारी के लिए आप नजदीकी कृषि विभाग कार्यलय में संपर्क करें।

(पिन्टू लाल मीना, सरमथुरा, धौलपुर, राजस्थान में सहायक कृषि अधिकारी हैं।)

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