ये सिर्फ एक किसान का दर्द नहीं है, लाखों किसान हर साल इन कंपनियों और दुकानदारों का शिकार होते हैं 

Update: 2017-03-31 19:34 GMT
तुक्के से किसानों को फसलों में रोग की दवा बताते हैं अनट्रेंड दुकानदार।

ये खत यूपी के शाहजहांपुर जिले के किसान जगदेव सिंह ने लिखा है। लेकिन ये समस्या भारत के लाखों किसानों की है। जागरुकता और सुविधाएं न होने के अभाव में किसान कस्बों में परचून की दुकानों की तरह खुली कीटनाशकों से खरपतवार और फसल में रोग लगने की दवा खरीदते हैं। इन दुकानदारों के पास न तो पर्याप्त जानकारी होती है न ये खरीदे गए माल की कोई रसीद देते हैं, जिसके चलते कोई नुकसान होने पर न तो कंपनी कोई भरपाई करती है न दुकानदार। देश में अरबों रुपये का कीटनाशकों का बाजार है। नियम है कि सिर्फ कृषि स्नातक ही ये काम कर सकते हैं, लेकिन जमीन पर हकीकत कुछ और जिसका खामियाजा जगदेव सिंह जैसे लोग उठाते हैं।

सेवा में,

मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

महोदय निवेदन है कि प्रार्थी जगदेव सिंह पुत्र महेन्द्र सिंह ग्राम रक्सा, थाना सिंधौली तहसील पुवायां जिला शाहजहांपरु निवासी है। प्रार्थी ने बीते वर्ष अपने 19 एकड़ खेत में धान लगाए थे। लाखों रुपये की खाद, दवा और पानी लगाया। करीब सवा तीन लाख की लगात आई थी। फसल तैयार होने वाली थी उससे पहले उसमें रोग लग गया, पता चला सूड़ी रोग है। रोग की दवा लेने के लिए मैं लखीमपुर खीरी के दश्मेश फर्टीलाइजर गया, वहां पर दुकानदार बजलिन्दर सिंह के कहने पर सोमीटोमो केमिकल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की दवाई धान में डालने के लिए ले लिया।

अपनी जली हुई फसल और कीटनाश के साथ जगदेव।

दुकानदार के कहे अनुसार प्रार्थी ने अपनी उन्नीस एकड़ धान की फसल में दवाई का छिड़काव कर दिया। छिड़काव के बाद से ही प्रार्थी की धान की फसल सूखने लगी और धीरे-धीरे फसल पूरी तरह से सूख गयी, जिसे प्रार्थी को अनुमानित 836000 रुपए का नुकसान हुआ।

प्रार्थी द्वारा जब दशमेश फर्टीलाइजर के मालिक बलजिंदर सिंह से शिकायत की तो वह प्रार्थी को झूठा आश्वासन देते रहे कि कंपनी मालिक से बात की गयी है। कंपनी वाले आएंगे फसल का मुआयना कराकर मुआवजा दिलवाएंगे। लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद मुआवजा नहीं मिल पाया। फसल बर्बाद होने के बाद सदमे में प्रार्थी के पिता महेन्द्र सिंह (75 वर्ष) की हार्ट अटैक से मौत भी हो गयी है।

पीड़ित परिवार लगातार रहा है अधिकारियों और कंपनी से फरियाद।

प्रार्थी ने इसके लिए जिला अधिकारी शाहजहांपुर, जिला कृषि अधिकारी, उप कृषि निदेशक, फसल सुरक्षा अधिकारी को भी प्रार्थनापत्र दिया था, जिसके बाद तत्कालीन जिला कृषि अधिकारी, शाहजहांपुर ने कीटनाशक की जांच भी करायी, जिसमें कीटनाशक अपने मानक के हिसाब से नहीं है। इसके बाद जिला कृषि अधिकारी ने प्रार्थी ने कहा कि ये लखीमपुर का मामला है, इसलिए वहां के अधिकारियों से बात करिए।

लखीमपुर के जिला कृषि अधिकारी और जिला अधिकारी को भी पत्र लिखा लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। महोदय जी हमारे जैसे हजारों किसानों की परेशानी है, इस पर जल्द ही कार्रवाई की जाए।

प्रार्थी       

जगदेव सिंह पुत्र महेन्द्र सिंह

ग्राम- रक्सा, तहसील- पुवायां, जिला- शाहजहांपुर, यूपी

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