वर्ष 2018-19 के खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान जारी, दलहन उत्पादन में कमी के कारण आयात पर बढ़ेगी निर्भरता

Update: 2019-08-21 06:15 GMT

दालों के रिकॉर्डतोड़ पैदावार के बावजूद देश में एब बार फिर आयात करने की स्थिति बन गई है। जबकि पिछले वर्ष आयात में कमी आई थी। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलने के कारण दलहन की बुआई में कमी आई है जिसका असर अब उत्पादन पर दिखेगा।

फसल सीजन 2018-19 में खाद्यान्न उत्पादन 28.79 करोड़ टन होने का अनुमान है जोकि 2017-18 के लगभग बराबर ही है। फसल वर्ष 2017-18 में खाद्यान्न का उत्पादन 28.50 करोड़ टन हुआ था। लेकिन दालों के उत्पादन में 7.94 फीसदी की कमी आने की आशंका है।

कृषि मंत्रालय ने विभिन्‍न फसलों के उत्पादन का मूल्यांकन राज्यों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर अनुमान जारी किया है।

मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार चालू फसल सीजन में दालों का उत्पादन 234 लाख टन होने का अनुमान है जो 2017-18 के 254.2 लाख टन की अपेक्षा लगभग आठ फीसदी कम है। सरकार के ही आंकड़ों की मानें तो देश में दालों की सालाना खपत 240 से 250 लाख टन है। ऐसे में दालों पर हमारी निर्भरता एक बार फिर दूसर देशों पर रहेगी।

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इन फसलों के उत्पादन में कमी का अनुमान

रबी दलहन की प्रमुख उत्पाद चना का उत्पादन पिछले साल 113.8 लाख टन से घटकर 101.3 लाख टन होने का अनुमान है। वहीं अरहर का उत्पादन पिछले साल के 42.9 लाख टन से घटकर 35.9 लाख होने का अनुमान है। इसी तरह उड़द का उत्पादन भी घटने का अनुमान है।

पिछले साल की अपेक्षा उड़द के उत्पादन का अनुमान 34.9 लाख टन से घटकर 32.6 लाख टन रह गया है जबकि मूंग का उत्पादन 20.2 लाख टन से थोड़ा ज्यादा 23.5 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है। मसूर का उत्पादन पिछले साल के 16.2 लाख टन से घटकर 15.6 लाख टन ही होने का अनुमान है।

मोटे अनाजों के उत्पादन में भी कमी आने का अनुमान है। वर्ष 2017-18 में मक्के का उत्पादन 287.5 लाख टन हुआ था जबकि 2018-19 के चौथे अग्रिम अनुमान में उत्पादन घटकर 272.3 लाख टन होने का ही अनुमान है। इसी तरह बाजरे के उत्पादन अनुमान 92.1 लाख टन से घटकर 86.1 लाख टन होने का अनुमान है। पिछले वर्ष ज्वार का उत्पादन 48 लाख टन हुआ था जबकि इस वर्ष 37.6 लाख टन का अनुमान है। जौ का उत्पादन भी पिछले साल के 17.8 लाख टन से घटकर 17.5 लाख टन ही होने का अनुमान है।

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मूंगफली का उत्पादन फसल सीजन 2018—19 में घटकर 66.95 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 92.53 लाख टन का हुआ था। केस्टर सीड का उत्पादन भी पिछले साल के 15.68 लाख टन से घटकर 12.15 लाख टन ही होने का अनुमान है।

कपास का उत्पादन फसल सीजन 2018-19 में 12.50 फीसदी घटकर 287.08 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलोग्राम) ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 328.05 लाख टन गांठ कपास का उत्पादन हुआ था।

जूट का उत्पादन भी पिछले साल के 95.91 लाख गांठ (एक गांठ-180 किलोग्राम) से घटकर 93.49 लाख गांठ ही होने का अनुमान है। गन्ने का उत्पादन फसल सीजन 2018-19 में 4,001.57 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन केवल 3,799.05 लाख टन का ही हुआ था।

इन फसलों का बढ़ेगा उत्पादन

चावल और गेहूं के उत्पादन में बढ़ोतरी का अनुमान जताया गया है। चौथे आरंभिक उत्पादन के अनुसार चावल का उत्पादन 11.64 करोड़ टन रहने का अनुमान है जबकि फसल सीजन 2017-18 में इसका उत्पादन 11.27 करोड़ टन ही हुआ था। इसी तरह गेहूं का उत्पादन 9.98 करोड़ टन से बढ़कर 10.21 करोड़ टन होने का अनुमान है। इसी तरह तिलहन का उत्पादन फसल सीजन में बढ़कर 322.57 लाख टन होने का अनुमान है जबकि इसके पिछले साल इसका उत्पादन 314.59 लाख टन ही हुआ था। सोयाबीन का उत्पादन चालू फसल सीजन में बढ़कर 137.86 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 109.33 लाख टन ही हुआ था।

रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों का उत्पादन भी पिछले साल के 84.30 लाख टन से बढ़कर 93.39 लाख टन होने का अनुमान है।

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