भारत करता है दुनिया के 80 प्रतिशत मेंथा ऑयल की आपूर्ति

Update: 2019-02-27 07:02 GMT

लखनऊ। दुनिया के 80 प्रतिशत मेंथा ऑयल की आपूर्ति भारत करता है, यही नहीं देश के एक लाख से अधिक छोटे किसानों का आजीविका का मुख्य स्रोत मेंथा ही है। मेंथा की खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान, लखनऊ मेंमेंथॉल मिंट पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।

प्रो. अनिल कुमार त्रिपाठी, निदेशक, इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंसेज, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने कहा, "सीमैप देश के कुछ गिने चुने संस्थानों में से एक है, जो अपने अनुसंधान और विस्तार के प्रयासों को दिशा प्रदान करने के लिए किसानों और उद्योग के साथ लगातार बातचीत करता है।"

उन्होंने यह भी बताया कि मेन्थॉल की सफलता ने आज सीमैप को सीएसआईआर अरोमा मिशन को का नेतृत्व करने लिए प्रेरित किया है, जो देश को विभिन्न आवश्यक तेलों में आत्मनिर्भर बना देगा।


सीएसआईआर सीमैप के कार्यवाहक निदेशक, डॉ. आलोक कालरा ने प्रतिनिधियों का स्वागत करत हुए कहा, "भारत दुनिया के 80 प्रतिशत मेंथोल मिन्ट की आपूर्ति करता है, जो एक लाख से अधिक छोटे किसानों की आजीविका का की आजीविका का साधन है । अपने संबोधन में, उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में, कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने रासायनिक मार्ग के माध्यम से मेन्थॉल का उत्पादन शुरू किया है जो कि प्राकृतिक मेन्थॉल के लिए एक गंभीर खतरा है।"

उन्होंने आगे बताया, "जलवायु परिवर्तन भी इसकी खेती को प्रभावित कर रहा है, जिससे मौजूदा मेन्थॉल के काश्तकारों की उपज क्षमता प्रभावित हो रही है। सीमैप विगत कई वर्षों से न केवल उन्नत और उच्च उपज देने वाली प्रजातियों के विकास के लिए अनुसंधान कर रहा है और साथ ही साथ खेती के लिए कृषि-प्रौद्योगिकी में भी सुधार किया जा सकता है, जिससे खेती की लागत में कमी आ सकती है।

इस अवसर के दौरान डॉ. बीआर त्यागी और स्वर्गीय डॉ एन के पात्रा को देश में मेन्थॉल क्रांति की सफलता के लिए उनके महत्वपूर्ण वैज्ञानिक योगदान के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। 

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