चालू सत्र में चीनी की कीमतें स्थिर रहने की संभावना : इस्मा  

Update: 2017-12-14 16:48 GMT
चीनी  

नई दिल्ली (आईएएनएस)। चालू पेराई सत्र 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) में देश में चीनी का उत्पादन 251 लाख टन रहने का अनुमान है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने यह जानकारी दी।

इस्मा की 83वीं सालाना आम बैठक के दौरान गुरुवार को इस्मा महानिदेशक अविनाश वर्मा ने बताया कि इस साल चीनी उत्पादन और खपत लगभग समान रहने की संभावना है क्योंकि देश का सालाना खपत भी 252 लाख टन के आसपास रह सकती है। उन्होंने कहा कि मांग और पूर्ति समान रहने के कारण कीमतों में भी स्थिरता बनी रह रह सकती है।

चीनी की मिल दरों में (एक्स शुगर-मिल रेट्स) में हालिया गिरावट को अविनाश वर्मा ने चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा, " कुछ कमजोर चीनी मिलों पर गन्ने का दाम किसानों को अदा करने का दबाव था इसलिए उन्होंने कम कीमतों पर चीनी बेचना शुरू कर दिया। दूसरी जो बड़ी वजह रही है वह अगले सत्र का अनुमान है। चूंकि चीनी वर्ष 2018-19 के लिए बढ़ा-चढ़ा कर अनुमान पेश किया गया जोकि एक तरह की अफवाह थी, उसे तथ्य से कुछ भी लेना-देना नहीं था। इसलिए चीनी कीमतों पर दबाव देखा गया।"

अभी उत्तर प्रदेश में में चीनी की मिल दरें 3400 रुपए प्रति कुंतल है जबकि यह महाराष्ट्र में चीनी मिलें 3200 रुपए प्रति कुंतल पर चीनी बेच रही हैं। इन दरों पर चीनी मिलों को घाटा हो रहा है क्योंकि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में उत्पादन लागत क्रमश: 3500 रुपए और 3400 रुपए प्रति कुंतल आती है।

पिराई सत्र 2017-2018 (अक्टूबर से सितंबर) में चीनी का उत्पादन 251 लाख टन रहा जबकि 2016-2017 में यह 203 लाख टन था। 2017-2018 में उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन 101 लाख रहने का अनमुान है।

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वहीं, महाराष्ट्र में इस साल चीनी का उत्पादन 74 लाख टन रह सकता है। कर्नाटक की चीनी मिलें 25 लाख टन चीनी का उत्पादन कर सकती हैं। लेकिन तमिलनाडु में चीनी के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले कमी आने की संभावना है। इस्मा महानिदेशक ने तमिलनाडु में पिछले साल के 11 लाख टन के मुकाबले चीनी का उत्पादन छह लाख टन रहने की संभावना जताई है।

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