नागपुर में संतरा किसानों को प्रति एकड़ 25,000 रुपए का मुआवजा दे केंद्र सरकार : शिवसेना सांसद

Update: 2017-12-29 18:19 GMT
दुनियाभर में संतरों के लिए मशहूर शहर नागपुर 

नई दिल्ली (भाषा)। लोकसभा में शिवसेना के एक सदस्य ने दुनियाभर में संतरों के लिए मशहूर शहर नागपुर में इस साल इसकी फसल को एक रोग से नुकसान होने का मुद्दा उठाया तथा केंद्र सरकार से इसकी जांच कराने और किसानों को मुआवजा देने की मांग की।

शून्यकाल के दौरान शिवसेना सदस्य कृपाल बालाजी तुमाने ने कहा कि नागपुर में पिछले करीब एक साल से संतरे के पेड़ एक रोग (फाइटोटोक्सीसीटी) की चपेट में आ गए हैं। इससे संतरे की फसल को नुकसान पहुंचा है, इसलिए, इस साल वहां का संतरा अब तक बाजार में नहीं आया है। उन्होंने कहा कि रोग के चलते संतरे के फल पेड़ों से गिर रहे हैं।

नागपुरी संतरा महाराष्‍ट्र के नागपुर, अमरावती व विदर्भ, मध्‍यप्रदेश के छिंदवाड़ा और कर्नाटक के कुर्ग क्षेत्र में अधिक होता है। इन राज्‍यों के अलावा भी नागपुरी संतरा कई राज्‍यों में उगाया जाता है। इसका कुल क्षेत्रफल करीब चार लाख हेक्‍टेयर होता है। इसमें से लगभग 3.15 लाख हेक्‍टेयर पर समर क्रॉप होती है, जबकि, 80-90 हजार हेक्‍टेयर पर मध्‍यप्रदेश और महाराष्‍ट्र में इसकी विंटर क्रॉप होती है।

शिवसेना सदस्य ने संतरे के पेड़ों पर लगे इस रोग (फाइटोटोक्सीसीटी) की जांच कृषि अधिकारी से कराने और किसानों को केंद्र सरकार से प्रति एकड़ 25,000 रुपए का मुआवजा देने की भी मांग की।महाराष्‍ट्र और मध्‍यप्रदेश में लगातार दो साल से पड़े सूखे के कारण पिछले साल संतरे की समर क्रॉप भी खराब हुई थी।

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पिछले साल समर क्रॉप खराब होने से पिछले साल रिटेल बाजार में ऑरेंज के भाव एकदम से चढ़ गए थे। आमतौर पर 20-25 रुपए प्रति किलोग्राम बिकने वाला संतरा 60-70 रुपए प्रति किलोग्राम तक बिक रहा था। इस बार भी संतरे के भाव में इसी तरह के उठाव के आसार हैं। इसके साथ ही विंटर क्रॉप के उत्‍पादन में से हर साल करीब एक लाख टन संतरा बांग्‍लादेश और खाड़ी देशों को भी निर्यात भी किया जाता था। लेकिन, उत्‍पादन कम होने से इस साल एक्‍सपोर्ट नहीं हो सकेगा।

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