कार्बाइड गैस से फल पकाने के मामलों में करीब 21 करोड़ रुपए जुर्माना वसूला गया

Update: 2016-11-22 14:33 GMT
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नई दिल्ली (भाषा)। सरकार ने आज बताया कि वर्ष 2015-16 में कथिततौर पर कार्बाइड गैस का उपयोग कर पकाए गए फलों के नमूने जांच के बाद अनुरुप न पाए जाने पर 9,852 मुकदमे चलाए गए, 3,999 मामलों में या तो सजा दी गई या जुर्माना लगाया गया तथा जुर्माने के तौर पर 21,19,08,436 रुपए वसूले गए।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने आज राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के पास उपलब्ध सूचना के अनुसार, कुछ समाचार पत्रों में फलों को पकाने के लिए कैल्सियम कार्बाइड का उपयोग किए जाने की खबरें प्रकाशित हुई हैं, जबकि फलों को पकाने के लिए खाद्य सुरक्षा और मानक (प्रतिषेध तथा बिक्री पर प्रतिबंध) विनियम 2011 के तहत कार्बाइड गैस के उपयोग पर प्रतिबंध है।

नड्डा ने बताया कि वर्ष 2015-16 में कथिततौर पर कार्बाइड गैस का उपयोग कर पकाए गए फलों के 65,833 नमूनों की जांच की गई। जिसमें 14,283 नमूने अनुरुप नहीं पाए गए। उन्होंने बताया कि इस संबंध में 9,852 मुकदमे चलाए गए और 3,999 मामलों में या तो सजा दी गई या जुर्माना लगाया गया। उन्होंने बताया कि जुर्माने के तौर पर 21,19,08,436 रुपए वसूले गए।

एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने बताया कि एफएसएसएआई के विनियमों के अनुसार, उपभोग के लिए असुरक्षित किसी भी वस्तु का भंडारण, बिक्री, वितरण या आयात करने वाले व्यक्ति पर जुर्माना लगाने या जुर्माने के साथ साथ सजा का भी प्रावधान है।


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