उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में नहीं हो रहा ट्रैक्टर का पंजीकरण, ट्रैक्टर और निर्माण उपकरण वाहन बीएस 3 पाबंदी के हुए शिकार

Update: 2017-04-30 17:36 GMT
ट्रैक्टर।

नई दिल्ली (भाषा)। ट्रैक्टर और निर्माण उपकरण वाहन बीएस 3 पर उच्चतम न्यायालय द्वारा लगाई गई पाबंदी के शिकार बन गए हैं क्योंकि कई राज्यों केे आरटीओ ने उत्सर्जन नियम भिन्न होने के बाद भी चार पहिया वाहन होने के कारण उनका पंजीकरण करने से मना कर दिया है।

दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, असम और तमिलनाडु समेत कई राज्यों में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों ने करीब 25000 ट्रैक्टरों और 1500 से अधिक निर्माण उपकरण वाहनों का पंजीकरण नहीं किया है।

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वैसे ट्रैक्टर भारत में उत्सर्जन नियम 3 ए का पालन करते हैं और निर्माण उपकरण वाहनों में भारत चरण 3 नियम हैं, ये उत्सर्जन नियम भारत चरण 4 से भिन्न हैं जिसका भारत में सामान्यत: ऑटोमोबाइल पालन करते हैं।

शीर्ष अदालत ने कहा था कि चाहे दोपहिया वाहन हो, तिपहिया, चार पहिया या वाणिज्यिक वाहन, यदि वे बीएस 4 के अनुपालनकर्ता नहीं हैं तो उसे भारत में कोई विनिर्माता या डीलर नहीं बेचेगा।

भारतीय निर्माण उपकरण विनिर्माता एसोसिएश के अध्यक्ष आनंद सुदर्शन ने कहा, ‘‘बीएव 3 वाहनों पर पाबंदी लगाने का शीर्ष अदालत के आदेश का दिल्ली, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में कई आरटीओ ने गलत व्याख्या की। फलस्वरुप नए निर्माण उपकरण वाहनों का पंजीकरण नहीं हो रहा है।''

उन्होंने कहा कि यह तब हुआ है जब निर्माण क्षेत्र के लिए पीक सीजन है।

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