भोपाल। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली के आम-बजट से किसानों में निराशा है। किसान कर्ज माफी से लेकर कुछ खास सुविधाओं की उम्मीद लगाए हुए थे, मगर बजट में ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है। जेटली के बजट में कहा गया है कि सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जा रही है। रबी फसल में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के तौर पर लागत का डेढ़ गुना दाम दिया गया, और खरीफ की फसलों में भी यही व्यवस्था रहेगी। साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
आम किसान यूनियन के संस्थापक केदार सिरोही का कहना है, "इस बजट ने किसानों को निराश किया है, क्योंकि किसान कर्ज माफी और सुनिश्चित आय जैसे कदम उठाए जाने की उम्मीद लगाए हुए थे, मगर ऐसा हुआ नहीं। सरकार को किसानों का कर्ज कम करने की नीति बनाई जानी चाहिए थी, जिस पर किसी का ध्यान नहीं है। किसानों पर कर्ज बढ़ना और आत्महत्या की संख्या में इजाफा इस बात का प्रमाण है कि किसानी घाटे का धंधा है।"
देश से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप
सिरोही ने कहा कि मछली पालक, दुग्ध उत्पादकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा देने और फार्मर प्रॉड्यूसर कंपनियां को कर में छूट देने का फैसला अच्छा कदम है, लेकिन उपज लागत का डेढ़ गुना दाम देने की बात सिर्फ छलावा है, जमीनी हकीकत कुछ और है।
ये भी पढ़ें- Budget 2018 LIVE : जानिए बजट की बड़ी बातें
किसान संघर्ष समिति के संयोजक और पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम का कहना है, "जेटली के आम बजट में किसानों की उम्मीदों को छला गया है। किसान उम्मीद लगाए बैठा था कि उसे सुविधाएं मिलने के साथ ही समर्थन मूल्य को लेकर कोई बड़ा फैसला होगा, मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ।"
इनपुट आईएएनएस
फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।