शिवराज सिंह चौहान का मास्टर स्ट्रोक, अब किसान क्रेडिट कार्ड बनेगा एटीएम कार्ड

Update: 2018-02-12 16:57 GMT
किसान सम्मेलन में बोलते मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाैहान 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को किसानों को लेकर कई अहम घोषणाएं की। इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए इन घोषणाओं को मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है। प्रदेश के किसानों के लिए भावांतर योजना और किसान क्रेडिट कार्ड को प्रदेश सरकार ने और सुलभ और लाभकार बनाने का प्रयास किया है।

मुख्यमंत्री ने ओलावृष्टि और बारिश से परेशान प्रदेश के किसानों को राहत देते हुए सोमवार को ऐलान किया कि राहत की राशि और फसल बीमा योजना की राशि जोड़कर किसानों के नुकसान के नुकसान की भरपाई की जाएगी। मुख्यमंत्री भोपाल के जम्बूरी मैदान में आयोजित किसान महासम्मेलन में बोल रहे थे।

किसानों को संबोधित करते हुए चौहान ने कई घोषणाएं कीं। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मौसम विपरीत हो सकता है, परिस्थितियां विकट हो सकती हैं, लेकिन चिंता करने की जरूरत नहीं है। राहत की राशि और फसल बीमा योजना की राशि जोड़कर किसानों के नुकसान की भरपाई सरकार करेगी। हमने लोन पर ब्याज दर 18 पर्सेंट से घटाकर 0 कर दी गयी है। किसानों की तरफ से फसल बीमा योजना का प्रीमियम राज्य सरकार भरेगी।

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कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने वन क्लिक से 620 करोड़ रुपए किसानों के खाते में ट्रांसफर करके उन्हें भावांतर भुगतान योजना का प्रमाण पत्र भी दिया। कृषि युवा उद्यमी योजना के तहत ऋण की राशि देकर युवाओं को सर्टिफिकेट बांटे। किसान क्रेडिट कार्ड का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि इसे अब रूपे कार्ड में बदल दिया जाएगा ताकि जरूरत पड़ने पर आप सीधे एटीएम से पैसे निकाल कर उसका उपयोग खाद, बीज की खरीदारी में कर सकें। इसके लिए 4,523 कृषि साख सहकारी समितियों में माइक्रो एटीएम का बंदोबस्त किया जाएगा।

मुख्यमंत्री उत्पादकता प्रोत्साहन योजना को लॉन्च करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा "किसानों को प्रति एकड़ जमीन पर 25 हजार रुपयों की बचत होनी चाहिए। किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिले इसके लिए हम मुख्यमंत्री उत्पादकता प्रोत्साहन योजना लागू करने जा रहे हैं। पिछले साल समर्थन मूल्य की कीमतें कम होने की वजह से किसानों को सही मूल्य नहीं मिला। इसलिए हमने फैसला किया है कि इस योजना के तहत गेहूं और धान पर किसानों को 200 प्रति कुंतल अतिरिक्त दिया जाएगा। इस बार प्रदेश सरकार गेहूं 2000 रुपए प्रति कुंतल से कम में नहीं खरीदेगी। समर्थन मूल्य के अलावा मुख्यमंत्री उत्पादकता प्रोत्साहन योजना से पैसा मिलेगा।

प्रदेश में सिंचाई व्यवस्था का जिक्र करते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि प्रदेश में सिंचित भूमि का क्षेत्र 7.5 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 40 लाख हेक्टेयर हो गया है। अगले पांच वर्षों में बुंदेलखंड इलाके की 4.5 लाख हेक्टेयर जमीन भी सिंचित हो जाएगी। प्रदेश के हर खेत को पानी दिया जाएगा। जब खेतों को पानी मिलेगा तभी तो हमारा किसान समृद्ध होगा। प्रदेश सरकार सिंचाई व्यवस्था पर एक लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। 1200 करोड़ रुपयों की योजना से भिंड-मुरैना के बीहड़ समतल बनाने का भी ऐलान किया गया।

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भावांतर योजना में एक बदलाव का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि हम आपकी सहमति से इसमें एक बदलाव करने जा रहे हैं। उपज को तुरंत मंडी में बेचने की जरूरत नहीं है। आप अपनी सुविधा के हिसाब से सही समय पर बेच सकते हैं। आप अपनी उपज का भंडारण करें। भंडारण का खर्च सरकार उठाएगी। जरूरत पड़ने पर भंडारण की गई उपज की कीमत का 25 पर्सेंट आपको सरकारी बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। इस राशि पर लगने वाला ब्याज भी सरकार ही उठाएगी।

किसानों के बच्चों के लिए कृषक युवा उद्यमी योजना की चर्चा करते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि इस स्कीम के तहत 25 लाख से 2 करोड़ रुपए तक के लोन 15 फीसदी सब्सिडी के साथ दिए जाएंगे। राज्य सरकार गारंटर होगी। मध्य प्रदेश में एक हजार कस्टम प्रोसेसिंग और सर्विस सेंटर खोले जाएंगे जो सिर्फ किसानों के बेटे-बेटियों के लिए ही होंगे। भारत भर में मंडियों में फसलों की कीमत टिकर के माध्यम से राज्य की 150 मंडियों में दिखाई जाएगी।

सरकार ने मोरोसी कृषक प्रावधान को हटाने का भी फैसला किया है ताकि किसान बिना किसी डर के पांच साल के लिए अपनी जमीन बंटाई पर दे सकें। बंटाई किसान भी सरकार की सभी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। इसके अलावा नामांतरण की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए खसरे और बी1 की नकल व आदेश की कॉपी एक महीने के भीतर किसानों को दी जाएगी।

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डिफाल्टर किसानों के लिए राहत देते हुए चौहान ने कहा कि ऐसे किसान किसी कारण से कर्ज का भुगतान नहीं कर पाए हैं उन्हें भी जीरो पर्सेंट ब्याज पर कर्ज मिल सके इसके लिए हम मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना ला रहे हैं। इसके अलावा यदि किसान बिजली की व्यवस्था के लिए ट्रांसफार्मर बदलने के लिए लाते हैं तो उसकी ढुलाई का खर्च सरकार किसान को देगी।

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