किसानों की समस्याओं को दिखाती फिल्म ‘मिट्टी : बैक टू द रूट्स’, देखिए ट्रेलर 

Update: 2017-08-18 12:09 GMT
90 मिनट की इस शॉर्ट फिल्म में सूखे से लेकर मूल्य नीतियों तक किसानों से जुड़े 25 मुद्दों को उठाया गया है।

लखनऊ। हैदराबाद के फिल्मकार अंशुल सिन्हा अब तक 41 फिल्में बना चुके हैं और कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल्स में 104 अवॉर्ड जीत चुके हैं। इस बार अंशुल 'मिट्टी : बैक टू द रूट्स' नाम से भारत में कृषि संकट और किसान आत्महत्याओं पर अपनी नई फिल्म लेकर आए हैं। 90 मिनट की इस शॉर्ट फिल्म में सूखे से लेकर मूल्य नीतियों तक किसानों से जुड़े 25 मुद्दों को उठाया गया है।

खास बात यह है कि यह फिल्म क्राउड फंडिंग के ज़रिए यानि सामूहिक रूप से पैसा जुटाकर बनाई गई है। क्राउड फंडिंग एक परंपरा है जिसके तहत किसी परियोजना या व्यवसाय के लिए लोग एक साथ मिलकर आर्थिक सहयोग करते हैं। इस फिल्म को बनाने से पहले भारत में किसानों की आत्महत्या के कारणों पर एक साल तक रिसर्च की गई है। इसमें हैदराबाद के कृषि वैज्ञानिक जी वी रमनजान्युलु ने भी मदद की है।

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अंग्रेज़ी वेबसाइट सिने रास्कल्स को दिए एक इंटरव्यू में अंशुल ने बताया, फिल्म का उद्देश्य हर किसान को खेती और जीवन को छोड़ने, जैविक खेती के बुनियादी पहलुओं पर उन्हें और समाज को प्रोत्साहित करने और हमारे शोध से पता चली समस्याओं की स्पष्ट झलक मिलने से बचाने की है। हम भारत के सभी गांवों में 'मिट्टी' के मुफ़्त रोड शो की करने की योजना बना रहे हैं, अगर हम कम से कम एक किसान के जीवन में कर सकते हैं तो यह हमारे लिए एक सफलता होगी। मैं इस फिल्म के इस देश के सभी गांवों तक पहुंचने के लिए हमारी फिल्म का समर्थन करने के लिए लोगों से अपील करना चाहता हूं। इस फिल्म का ट्रेलर 16 अगस्त को रिलीज़ हुआ है।

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