Bollywood Yaadein : दो इंटरवेल वाली पहली फ़िल्म थी ‘मेरा नाम जोकर’

Update: 2016-10-09 06:21 GMT
मेरा नाम जोकर, Mera Naam Jokar, 

1970 में आई फिल्म 'मेरा नाम जोकर' अपने ज़माने से काफ़ी आगे की फ़िल्म थी। शायद ये भी एक वजह थी कि बाद में भले ही राजकपूर के निर्देशन में बनी इस फ़िल्म को ‘क्लासिक’ माना गया लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर मुंह के बल गिर पड़ी। राजकपूर साहब के लिए ये फिल्म उनका ड्रीम प्रोजेक्ट थी, लिहाज़ा इसमें उन्होंने अपना सबकुछ झोंक दिया था। हालत ये हुई कि सत्तर के दशक में कपूर ख़ानदान को ज़बर्दस्त आर्थिक संकट झेलना पड़ा। इस फिल्म की नाकामयाबी की एक वजह इसकी अवधि को भी माना जाता था। ये फिल्म चार घंटे की थी। फिल्म के राइटर के. ए. अब्बास और निर्माता-निर्देशक राजकपूर रिलीज़ से पहले, इस पर घंटो चर्चा करते थे कि क्या ये मुमकिन है कि फिल्म की लंबाई को किसी तरह कम किया जा सके, लेकिन जिस तरह की फिल्म की कहानी थी, उसे तीन घंटे में बांधना बेहद मुश्किल था। कहानी के साथ समझौता राजकूपूर को पसंद नहीं था लिहाज़ा फिल्म को दो इंटरवेल के साथ बिना किसी कट के वैसे ही रिलीज़ किया गया। ये और बात है कि उस वक्त लोगों ने फ़िल्म को नहीं पसंद किया लेकिन बाद में टीवी राइट्स और फिल्म फैस्टिवल्स में इस फ़िल्म ने इतनी कमाई की, कि ये फिल्म कपूर खानदान की अबतक की सबसे कामयाब फिल्म मानी जाती है।

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