पांच सौ और हज़ार के नोटों को लेकर पूरे देश में फिलहाल अफरा-तफरी का माहौल है। एटीएम के बाहर लंबी-लंबी क़तारें हैं। सोशल मीडिया इस मौज़ू पर हो रही चर्चा से पटा पड़ा है। आलम ये है कि हज़ार के नोट के साथ खींची जाने वाली सेल्फी की बाढ़ सी आ गई है। नोटों पर बन रहे तमाम चुटकुलों से अलग एक संजीदा फिक्र भी है जिस पर तमाम लोग लिख रहे हैं और वो है दो हज़ार के नए नोट पर 'दो हज़ार रुपये' के उर्दू तर्जुमे के बारे में। कई लोगों का मानना है कि उर्दू में 'दो हज़ार रुपये' को जिस तरह से नोट पर लिखा गया है वो ‘लो हज़ार रुपये’ लग रहा है। सबसे पहले, आइये देखते हैं कि नोट पर क्या लिखा है -
अगर आप उर्दू नहीं पढ़ पाते तो ज़ाहिर है आपके लिए ये समझ पाना मुश्किल होगा कि नोट पर क्या लिखा है इसलिए आइये नज़र डालते हैं उर्दू की वर्ण माला पर और फिलहाल इसमें से सिर्फ वो तीन हर्फ़ (वर्ण) समझ लेते हैं, जिनको लेकर नोट पर कनफ़्यूज़न हो रहा है। एक है ‘दाल’ जिसे हिंदी के ‘द’ की तरह इस्तेमाल किया जाता है, दूसरा है ‘वाव’ जिसे हिंदी के ‘व’ की तरह प्रयोग करते हैं और इन दोनों को मिलाकर बनता है ‘दो’ यानि
दाल+वाव= दो
लेकिन कई लोग ये मान रहे हैं कि नोट पर ‘वाव’ से पहले ‘दाल’ की जगह ‘लाम’ छप गया है जिसके चलते
लाम+वाव= लो
हो गया है। बहरहाल, नीचे दिये गए उर्दू वर्णमाला चार्ट में आप इन्हें खुद देख सकते हैं।
हालांकि लिखते वक्त दो और वो काफी हद तक एक जैसे लगते हैं लेकिन एक हैं नहीं, इनमें फर्क है। दो लिखते वक्त दाल और वाव अलग-अलग होते हैं यानि इनके बीच में जगह होती है, जबकि लो लिखते हुए लाम और वाव मिले हुए होते हैं। दो हज़ार के नोट पर दोनों हर्फों के बीच जगह नहीं है।
अब इसका फैसला आप खुद करें कि नोट पर दो लिखा है या लो। आप की मदद के लिए हमने गूगल ट्रांसलेशन का स्क्रीनशॉट भी लगा दिया है। आप इनमें देख सकते हैं कि लिखते वक्त ‘दो’ और ‘लो’ में क्या फर्क़ है।