देव आनंद साहब हिंदी फ़िल्मों के शायद पहले और सबसे यादगार रोमेंटिक हीरो के तौर पर हमेशा याद किये जाएंगे, लेकिन फ़िल्म इंडस्ट्री फिलहाल जिस दौर से गुज़र रही है उसमें उनकी वो आज़ाद आवाज़ भी याद आती है जिसमें उन्होंने हमेशा खुलकर कला को किसी भी सरहद में बांधे जाने पर ऐतराज़ किया।
लाहौर मेरा शहर है, ये वो जगह है जहां मैं बड़ा हुआ, मेरी शुरुआती पढ़ाई हुई और जहां मेरी जड़ें हैंदेवा आनंद, एक इटरव्यू के दौरान
ये बात देव आनंद साहब ने कही थी, RKB TV के एक शो के दौरान। ये इंटरव्यू राजीव कुमार बजाज ने देवा आनंद साहब के पाली हिल वाले बंग्ले पर लिया था। ये वो वक्त था जब देव साहब की फिल्म Mr Prime Minister रिलीज़ होने वाली थी। बातचीत के दौरान बातों का सिलसिला पाकिस्तान तक पहुंच गया और फिर देव साहब ने जो कहा वो आप खुद सुन सुनिये