भिवानी (हरियाणा)। हरियाणा की एक बहू ने खुले में शौच करने के लिए मजबूर बहू-बेटियों के लिए मिसाल कायम कर दी है। हरियाणा की इस बहू ने घर में शौचालय ना होने पर अपना ससुराल छोड़ दिया है। बहू ने ससुरालवालों के सामने शर्त रखी है कि वो मायके से वापस ससुराल तभी लौटेगी जब घर में शौचालय बन जाएगा।
दिल्ली से करीब 115 किलोमीटर दूर हरियाणा के भिवानी जिले के गौरीपुर गाँव के रामभगत का लगन अभी कुछ तीन महीने पहले ही जींद के सिवाना गाँव की रहने वाली भतेरी से हुआ था। दोनों की शादी बड़ी धूमधाम से हुई। जिदंगी की तमाम उम्मीदों को लेकर भतेरी अपने पति के घर दहलीज में दाखिल हुई थी। लेकिन, सुसराल आने के चंद घंटों के भीतर ही उसे एहसास हुआ कि इस घर में ना तो सोच है और ना ही शौचालय।
जब भतेरी की शादी हुई थी तब उसे नहीं पता था कि उसके ससुराल में शौचालय नहीं है। विदाई के बाद जब वो अपने ससुराल पहुंची तो उसे पता चला कि घर में शौचालय ही नहीं है। शौच के लिए उसे खेतों में या फिर खुले में जाना होगा। नई नवेली बहू को ये बात नागवार गुजरी। उसने अपने पति और ससुर से इस बात की शिकायत की कि घर में शौचालय नहीं है। पति रामभगत ने बताया कि उसने अपनी पत्नी से वादा किया था कि वो जल्द ही घर में शौचालय बनवा लेगा। लेकिन, मामला यूं ही टलता रहा।
दो महीने गुजर गए। एक दिन उससे ससुराल छोड़ने का फैसला कर लिया। बहू ने अपने पति रामभगत से साफ तौर पर कह दिया कि वो अपने मायके जा रही है। जब घर में शौचालय बन जाए तो उसे वहां से बुला लें। रामभगत का कहना है कि पहले तो उसे लगा कि उसकी पत्नी कुछ दिनों में अपने आप मानकर लौट आएगी। लेकिन, भतेरी अपनी जिद पर अड़ी हुई थी। भतेरी ने भी अपने पति से दो टूक कह दिया कि वो ससुराल तभी आएगी जब घर में शौचालय बन जाएगा।
पत्नी की इस जिद के बाद अब रामभगत ने घर में शौचालय बनवाने की प्रक्रिया शुरु की है। रामभगत का कहना है कि अगले 15 दिनों में घर में शौचालय बन जाएगा तब वो अपनी पत्नी को घर ले आएंगे।
उधर, भतेरी के ससुर का भी कहना है कि बहू के घर में ना होने से पूरे परिवार को काफी दिक्कत हो रही है। वो बताते हैं, “भईया हम लोगों ने आजतक ये सोचा ही नहीं कि घर में ही शौचालय हो। हम तो बचपन से ही खुले में ही शौच के लिए जाते रहे हैं। लेकिन, अब वक्त के साथ हमें भी बदलना होगा।”