अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: पिछले लोकसभा चुनाव में चुनी गईं 61 महिलाएं, फिर भी हम एशिया में पिछड़े

Update: 2017-03-08 15:53 GMT
संसद में महिलाओं की भागीदारी पहले की अपेक्षा बढ़ी है।

लखनऊ। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से एक दिन पहले एक वैश्विक अंतरसंसदीय संस्थान की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एशिया में एकमात्र ऐसा देश है जो 2016 में संसद में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के मामले में पिछड़ गया। इंटर-पार्लियामंटरी यूनियन (आईपीयू) ने आठ मार्च को महिला दिवस से पहले अपनी रिपोर्ट जारी की है जिसका शीर्षक है, ‘‘2016 में संसद में महिलाएं, वर्ष की समीक्षा'।

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रिपोर्ट कहती है कि संसद में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए तथा दुनियाभर में पिछले दशक में हासिल महत्वपूर्ण प्रगति के साथ कदम मिलाने के लिए और अधिक महत्वाकांक्षी कदमों तथा मजबूत राजनीतिक प्रतिबद्धता की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में हर जगह पर महिलाओं की आवाज शामिल करने के लिए नए सिरे से मुहिम छेड़नी होगी। रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि पिछले सालों की तरह महिलाओं के राजनीतिक सशक्तीकरण को हल्के में नहीं लिया जा सकता। इसमें कहा गया है कि एशिया में संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 0.5 प्रतिशत बढ़ा है। 2015 में यह 18.8 प्रतिशत था जो 2016 में बढ़कर 19.3 फीसदी हो गया।

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यह बढ़ोतरी मामूली रही लेकिन चुनाव कराने वाले सभी देशों मसलन ईरान, जापान, लाओस, मंगोलिया, फिलिपींस, दक्षिण कोरिया और वियतनाम में यह दर्ज की गई और केवल भारत अपवाद रहा। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘क्षेत्र में केवल भारत पिछड़ गया। 1994 में स्थानीय चुनावों में महिलाओं के लिए सफलतापूर्वक सीटों के आरक्षण की शुरुआत की गई, हालांकि 2008 में एक प्रस्तावित संवैधानिक संशोधन पेश किया गया जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं के लिए आरक्षण सुनिश्चित करना था लेकिन संसद में हुई चर्चा में इस विषय पर गतिरोध बना रहा।'' जून और जुलाई 2016 में राज्यसभा में प्रत्यक्ष और परोक्ष चुनावों तथा सरकारी मनोनयनों में कुल 244 सदस्यों में 24 महिलाएं ही चुनकर आईं। संख्या में 1.7 प्रतिशत की कमी आई। पिछली बार 12.8 प्रतिशत महिला सदस्यों को पुन: उच्च सदन में भेजा गया था लेकिन पिछले वर्ष यह संख्या 11.1 प्रतिशत रह गई।

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16वीं लोकसभा के लिए चुनी गईं सर्वाधिक 61 महिलाएं

भारत में 2014 में हुए 16वीं लोकसभा चुनाव में 61 महिला उम्मीदवार जीत कर पहुंची संसद पहुंची। यह अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। 543 सदस्यीय लोकसभा में महिला उम्मीदवारों की संख्या 2009 के 58 से ज्यादा है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च के मुताबिक, "देश के इतिहास में लोकसभा पहुंचने वाली महिलाओं यह सर्वाधिक संख्या है। 2009 में 58 महिलाएं लोकसभा पहुंची थी।" प्रमुख महिला उम्मीदवार जो संसद का रास्ता तय करने में कामयाब रहीं उनमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (रायबरेली), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज (विदिशा), उमा भारती (झांसी), मेनका गांधी (पीलीभीत), पूनम महाजन (मुंबई उत्तर मध्य), किरन खेर (चंडीगढ़), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सुप्रिया सुले (बारामती), समाजवादी पार्टी (सपा) नेता डिपल यादव (कन्नौज) हैं।

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