नोटबंदी: कासे करूं श्रृंगार बलम मोरे कैशलेस

Update: 2016-11-16 20:41 GMT
लखनऊ के एक ब्यूटी पार्लर में पसरा सन्नाटा। फोटो- महेंद्र पांडे

सुधा पाल

लखनऊ। न थ्रेडिंग, न फेशियल और मैनीक्योर और पैडीक्योर तो बड़ी दूर की बात है। जहां महिलाएं बेवक्त भी सजने संवरने के लिए ब्यूटी पार्लरों में जाया करतीं थीं वहीं अब शादियों के सीजन में भी पार्लरों सूने पड़े हैं। 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों के बंद होने पर छोटे ब्यूटी पार्लरों में सन्नाटा फैला हुआ है। ग्राहक पर्याप्त छुट्टे पैसे ना होने पर पार्लर आने से कतरा रहें हैं। इसके साथ ही फुल ब्यूटी पैकेज की जगह सहालग के दौरान सिर्फ टच-अप लिए जा रहे हैं।

  हर महिला हर जगह अपने आप को सुन्दर देखना चाहती है। बात शादी में जाने की हो या फिर किसी पार्टी में, अपने आप को संवारने और औरों से बेहतर दिखने की कोशिश हर कोई करता है। महिलाएं इसमें सबसे आगे हैं जो इसके लिए मेकअप का सहारा लेती हैं। मेकअप की अपनी अलग ही खासियत है। यही वजह है कि लोग अब हर अवसर पर ब्यूटी पार्लर जाते हैं। वेसै तो महिलाऐं कभी भी बिना मौके के भी पार्लर हो आया करती थीं लेकिन अब पिछले कुछ हफ्तों से पार्लर सुचारू रूप से नहीं चल रहे हैं। इसका कारण कालेधन पर नियंत्रण लगाने के लिए प्रधानमंत्री की ओर से 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बंद कराना है। इस नोटबंदी की वजह से ग्राहक ज़्यादातर केवल 20-50 रुपए के खर्च के साथ ही पार्लर जा रहें हैं। यह हाल ज़्यादातर छोटे पार्लरों का है। शहर के बाज़ारों से लेकर गली-मोहल्ले और घरों में खोले गए छोटे ब्यूटी पार्लरों में पहले जैसी भीड़ नहीं उमड़ रही है।

छुट्टे और खर्च के लिए रखे हैं। फेशियल करवाती थी हर महीने पर अभी रुकी हुई हूं। 2000 रुपए की नोट है तो पर बाकी का भी खर्चा इसी से चलाना है।
नीलिमा, गृहणी, लखनऊ

छोटे पार्लरों की संचालिकाऐं मोदी का समर्थन तो कर रहीं हैं लेकिन अपने नुकसान को भी बयां कर रहां हैं। जहां संचालिकाएं एक दिन में लगभग 4-5 हज़ार कमा लेती थीं वहीं अब दो हज़ार भी बड़ी मुश्किल से हो पा रहा है। सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक पार्लर खुले रहते हैं लेकिन केवल बुकिंग वाले ग्राहकों के साथ 2-4 लोग ही आ रहें हैं। सहालग का सीजन शुरू हो चुका है। इसलिए महीने भर पहले से ही बुकिंग कराने वाले ग्राहक ही इन पार्लरों में नज़र आ रहें हैं।

सहालग के दौरान पार्लर बुकिंग पर ले रहे पुराने नोट

हर्षिता ब्यूटी पार्लर में काम करने वाली पूजा बताती हैं कि लगभग दो महीने पहले से ही शादी के अवसर पर बुकिंग कराई जा रही है। सहालग के लिए ब्राइडल, प्री ब्राइडल, पार्टी मेकप के साथ थ्रेडिंग, वैक्सिंग, फेशियल, पैडीक्योर, मैनीक्योर के लिए ग्राहकों से अभी भी 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट लिए जाऐंगे। लीना का कहना है कि चूंकि ये पहले की बुकिंग हैं इसलिए संचालिका पुराने नोट ले रहीं हैं।

फिलहाल बुकिंग वाले ही ग्राहक ज़्यादा हैं। बाकी नोटबंकी के बाद रेगुलर ग्राहक काफी कम हो गए हैं। सबके साथ समस्या है।
-मीना (अपूर्वा ब्यूटी पार्लर में काम करनेवाली)

नहीं हो पा रही है अच्छी कमाई

लखनऊ में शहनाज़ ब्यूटी पार्लर की संचालिका शहनाज़ ने बताया कि पहले लोग ऐसे भी पार्लर आ जाया करते थे। लगभग 100 रुपए वे पार्लर में खर्च कर देते थे। इस समय कोई 50 रुपए के ऊपर नहीं खर्च करना चाह रहा है। उन्होंने बताया कि जो महिलाऐं हर हफ्ते आया करती थीं, वहीं अब दो-तीन हफ्टों से नहीं दिख रही हैं। पार्लर आने वाले ग्राहकों में ज़्यादातर महिलाऐं केवल थ्रेडिंग कराने ही आ रहीं हैं। जहां ब्राइडल, प्री ब्राइडल, पार्टी मेकअप के लिए लगभग 20 हज़ार रुपए तक आ जाते थे वहीं अब 10 हज़ार रुपए ही आ रहें हैं क्योंकि पूरा पैकेज कोई नहीं ले रहा है। शहनाज़ ने बताया कि पार्टी मेकप तो लोग खुद ही कर ले रहें हैं, पार्लर की ज़रूरत ही नहीं है।

थ्रेडिंग के ग्राहक ज़्यादा हैं क्योंकि सबसे कम इसी के पैसे हैं, 20 रुपए। हमारे पास 2000 तक का फेशियल है लेकिन लोग पैसे ना होने की वजह से 100 रुपए का क्लीन-अप ही करवा रहे हैं।
ऋतु, संचालिका (लोक श्रृंगार ब्यूटी पार्लर )

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