अश्विनी कुमार द्विवेदी
लखनऊ। अब तक कंगारू मदर केयर यूनिट सिर्फ शहरों में थी, मगर अब इसकी शुरूआत लखनऊ जनपद के बीकेटी सामुदायिक केंद्र और इटौंजा सामुदायिक केंद्र में उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा जच्चा ,बच्चा को बेहतर सुविधाएं देने के लिए व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से केएमसी ( कंगारू मदर सेंटर ) की शुरुआत की गयी है।
बीकेटी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ मिलिंद वर्धन ने बताया कि पिछले वर्ष इस सेवा की शुरुआत की गयी है। इस सेंटर में उन बच्चों को रखा जाता है, जिनका जन्म समय से पूर्व हो जाता है या जन्म के समय जिन बच्चों की माँ अस्वस्थ रही हो या किसी भी कारण जन्म के समय नवजात का वजन ढाई किलो से कम है, उन बच्चो की जच्चा के साथ इस इकाई में देख रेख की जाती है। साथ ही बच्चे के जन्म के बाद माँ के दूध न उतरना, प्रसव के बाद अधिक मात्रा में रक्तस्त्राव हो जाना, असामान्य प्रसव की स्थिति में जच्चा और बच्चा की देखरेख की जाती है।
डॉ मिलिंद वर्धन ने बताया कि बच्चे के जन्म के समय वजन कम से कम ढाई से तीन किलो होना चाहिए। वजन कम होने पर ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन सही देखरेख न मिलने से नवजात बच्चे के शरीर पर इसका असर पड़ सकता है।
केएमसी में कम वजन वाले बच्चे को माँ के सीने पर पेट के बल ऐसे लिटाते हैं कि नवजात का शरीर सीधे माँ के शरीर के संपर्क में रहे ताकि बच्चे को माँ के शरीर की गर्मी मिलती रहे। बच्चे के हाथ पैर और सिर को गर्म कपड़ो से ढक दिया जाता है और ऊपर से माँ और बच्चे को कपडे से ढक दिया जाता है। यह वैज्ञानिक होने के साथ माताओं के लिए कुदरती देन है। इस समय बीकेटी सीएचसी के कंगारू मदर सेंटर में भर्ती 19 वर्षीय संजू ने बताया कि 19 तारीख को बेटे का जन्म हुआ था। जन्म के समय बच्चे का वजन 2 किलो था, जो कि अब बढ़ रहा है।