सिर्फ फैशनेबल ही नहीं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाते हैं ये मशहूर फैशन ब्रांड

Update: 2017-03-02 17:08 GMT
भारत के सुदारा नाम के क्लोदिंग फैशन कंपनी में काम करती महिलाएं। फोटो साभार: फेसबुक

लखनऊ। फैशन जगत का नाम आते ही ज़ेहन में ग्लैमर, कलरफुल और महंगे कपड़ों व एक्सेसरीज़ की तस्वीर बनने लगती है। हालांकि बहुत कम लोग यह बात जानते होंगे कि महिलाओं की खूबसूरती का वैश्विक करने वाला यह क्षेत्र उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने का काम भी कर रहा है।

आज हम आपको देश-दुनिया के ऐसे कई मशहूर फैशन ब्रांड से रूबरू करा रहे हैं जो समाज से बहिष्कृत और हाशिये पर जीवन जीने को मजबूर है।

सुदारा (SUDARA)

यूएसपी: क्लोदिंग ब्रांड

आरामदायक कपड़ों के लिए प्रसिद्ध सुदारा ब्रांड का लक्ष्य भारत से सेक्स ट्रैफिकिंग को खत्म करना है। कंपनी ने ब्रांड का नाम संस्कृत के शब्द सुन्दर से लिया है जिसका मतलब होता है ब्युटीफुल।

अकोला (AKOLA)

यूएसपी: फैशन जूलरी ब्रांड

फैशन जूलरी के लिए प्रतिष्ठित ब्रांड अकोला विश्व में हाशिये पर या अधिकारहीन महिलाओं के लिए एक सपोर्ट सिस्टम है। उत्तरी अफ्रीका स्थित युगांडा में 400 से अधिक महिला कर्मचारी है और डलास में 30 महिला कर्मचारी हैं। इनमें किसान पृष्ठभूमि से, एचआईवी/एड्स सर्वाइवर और सेक्स ट्रैफिकिंग से मुक्त की गई महिलाएं शामिल हैं। अकोला इन्हें वोकेशनल ट्रेनिंग भी उपलब्ध कराती है, साथ ही उन्हें एकेडमिक क्लासेस भी देती है। इन सबके अलावा ब्रांड उनके स्वास्थ्य और वेलनेस के लिए और पर्सनल फाइनेंस और बिजनेस के लिए काम करती है।

फैशनेबल (Fashionable)

यूएसपी: लाइफस्टाइल ब्रांड

विकासशील देशों को प्रत्यक्ष रूप से दान देने के बजाय फैशनेबल ब्रांड सुविधा से वंचित लोगों को जॉब देकर देश की अर्थव्यवस्था में सहायता करता है। इनका मुख्य ध्यान परेशानियों पर काबू पाने वाली महिलाओं पर होता है। उदाहरण के लिए यूएस से नाशविले स्थित इस कंपनी की साइट पर वेश्यावृत्ति और शराब की लत से उबर कर आईं महिलाएं काम करती हैं। यह ब्रांड ऐसी महिलाओं के साथ ही उन देशों की महिलाओं की मदद करता है जहां पुरुष और महिला की आमदनी में काफी अंतर होता है।

रेलियर (RALLIER)

यूएसपी: क्लोदिंग ब्रांड

यह फैशन ब्रांड दुनियाभर में गर्ल एजुकेशन के लिए काम करता है। कंपनी की हर ड्रेस की सेल से होने वाले फायदे के कुछ प्रतिशत से ये स्कूल यूनिफॉर्म खरीदते हैं और सुविधाओं से वंचित इलाकों में जाकर स्कूल जाने वाली लड़कियों को इसे दान देते हैं। । कंपनी की फाउंडर ओलिविया फे जो पहले मशहूर फैशन ब्रांड प्राडा के लिए भी काम कर चुकी है वे पहले से ही गर्ल राइजिंग डॉक्युमेंट्री देखकर प्रभावित हुई थी।

31 बिट्स (31 ‍BITS)

यूएसपी: फैशन जूलरी ब्रांड

इस कंपनी के नाम के पीछे की कहानी काफी रुचिकर है- 31 ईसाई धर्मग्रन्थ बाइबिल की एक कहावत है जो एक कामकाजी महिला के अपने परिवार के लिए देखभाल करने के बारे में है और बिट्स यहां बीड्स बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पदार्थ से संबंधित है। 31 बिट्स का उद्देश्य युगांडा की महिलाओं की गरीबी मिटाकर उन्हें सशक्त बनाना है। यह कंपनी ऐसी महिलाओं को नौकरी देने के अलावा उनको पांच वर्ष का एक प्रोग्राम कराती है जिसमें उन्हें बिजनेस मैनेजमेंट में शिक्षा, पर्सनल फाइनेंस, हेल्थ एजुकेशन, एचआईवी टेस्टिंग और ट्रीटमेंट और काउंसलिंग उपलब्ध कराई जाती है।

रैवन प्लस लिली ( RAVEN + LILY )

यूएसपी: लाइफस्टाइल ब्रांड

यह ब्रांड महिला-पुरुष के वेतन में काफी अंतर वाले इलाके जैसे हैती, भारत, केन्या, पाकिस्तान, मलेशिया और यूएस की करीब 1500 महिलाओं को नौकरी देकर सहायता देता है। रेवन लिली एक बी कॉर्पोरेशन है जिसका मतलब है कि यह दरिद्रता में जी रही महिलाओं के प्रति समर्पित है। यह कंपनी इको फ्रेंडली मटीरियल तैयार करती है और इससे मिलने वाले लाभ को बुनकरों को दान देती है।

इंडेगो अफ्रीका (INDEGO AFRICA )

यूएसपी: होम डेकोर ब्रांड

यह नॉनप्रॉफिट लाइफस्टाइल ब्रांड अपने मटीरियल और सामान को बेचकर रवांडा की एड्स पीड़ित महिलाओं की मदद करती है और उन्हें एजुकेशन में सशक्त बनाती है। कंपनी का अपना कोई प्रॉफिट नहीं है, जो भी होता है वे उनके ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए खर्च करते हैं। इसके द्वारा वे टेक्नॉलोजी और बिजनेस में महिलाआंत्रप्रेन्योर तैयार करते हैं।

सेम स्काई (SAME SKY)

यूएसपी: फैशन जूलरी ब्रांड

इंडेगो अफ्रीका की तरह ही सेम स्काई भी रेवांडा की उन महिलाओं को आत्मनिर्भर होने का मौका देता है जो 1994 में हुए भयंकर नरसंहार की पीड़िता रह चुकी हैं। ये महिलाएं सेम स्काई के साथ काम करते हुए अपनी वस्तुएं बनाती हैं जिसके बदले में उन्हें सब सहारन अफ्रीका से 15 से 20 गुना अधिक वेतन मिलता है।

क्रोशे किड्स (KROCHET KIDS )

यूएसपी: लाइफस्टाइल ब्रांड

यह कंपनी पेरू और उत्तरी युगांडा की समाज से बहिष्काशित महिलाओं के लिए काम करता है उन्हें प्रशिक्षित कर उन्हें नौकरी, शिक्षा और मेंटॉरशिप प्रोग्राम उपलब्ध कराता है। इसे तीन हाईस्कूल के छात्रों ने शुरू किया था जिन्हें क्रोशिया का ज्ञान था।

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