राज्य जितनी चाहें केंद्र उतनी दाल देने को तैयार: पासवान

Update: 2016-05-29 05:30 GMT
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लखनऊ (भाषा)। केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली मंत्री रामविलास पासवान ने देश में दालों के दाम बढ़ने के लिये पिछले दो साल के दौरान हुई कम बारिश और आयात में कमी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने दाल की कमी से निपटने के लिये ठोस उपाय किये हैं और वह राज्यों को सस्ती दर पर दाल उपलब्ध कराने को तैयार है।

पासवान ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में एक सवाल पर कहा कि दाल के दाम बढ़ने के कई कारण हैं। पहला, पिछले दो साल के दौरान कम बारिश के कारण फसलें खराब हुईं। दूसरा, दाल का आयात कम किया गया। उन्होंने कहा कि पिछले साल जहां देश में दाल का कुल उत्पादन 171 लाख टन हुआ था, वहीं मांग 226 लाख टन थी। इस बार यह खपत 236 लाख टन होने का अनुमान है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दाल का आयात करने वाले निजी आयातकों ने पिछली बार जरुरत से कम आयात किया, जिसकी वजह से दाल आम लोगों की थाली तक मुश्किल से पहुंची। फिर भी, सरकार ने दाल की कमी से निपटने के लिये ‘बफर स्टॉक' बनाया है और कई अन्य रास्ते भी अपनाये जा रहे हैं।

उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकारें जितनी चाहें, केंद्र सरकार उन्हें उतनी दाल उपलब्ध कराने को तैयार है। राज्यों से आग्रह है कि वे दाल को 120 रुपये प्रति किलोग्राम के दाम पर बेचने की पुख्ता व्यवस्था करें। इससे जनता को राहत मिलेगी।

भूख से मौत की खबरें चिंताजनक

पासवान ने भूख के कारण होने वाली मौतों पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि जन वितरण प्रणाली में अभी भ्रष्टाचार व्याप्त है। उन्होंने बांदा में हाल में एक गरीब किसान की कथित रुप से भूख के कारण हुई मौत का ज़िक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने अपनी तरफ से अनाज की कोई कमी नहीं रखी है। ऐसे में भूख से मौत की खबरें चिंताजनक हैं।

पासवान ने बताया कि राज्यों से कहा गया है कि वे अपने यहां खाद्य आयोग गठित करें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गरीब परिवारों को दो रुपये प्रति किलोग्राम गेहूं और तीन रुपये प्रति किलोग्राम चावल दे रही है, लेकिन कुछ राज्य सरकारें इसका श्रेय खुद ले रही हैं जो कि गलत बात है। देश में इस वक्त 14 करोड़ 44 लाख लाभार्थियों को दो रुपये प्रति किलो गेहूं और तीन रुपये प्रति किलो चावल दिया जा रहा है। इसमें राज्य सरकारों का एक पैसे का भी अंशदान नहीं है।

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