Union budget 2020: नई आयकर व्यवस्था में मध्यम वर्ग के करदाताओं को बड़ी राहत

बजट 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ऐलान- करदाताओं के लिए वैकल्पिक होगी नई कर व्यवस्था

Update: 2020-02-01 11:20 GMT

लखनऊ। केन्द्रीय बजट में करदाताओँ को बड़ी राहत प्रदान करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई आयकर व्यवस्था की घोषणा की। इस नई आयकर व्यवस्था में मध्यम वर्ग के करदाताओं को बड़ी राहत दी गई है। 5 से 7.5 लाख रुपये वार्षिक कमाई करने वाले लोगों पर आयकर की दर 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दी गई है। वहीं 7.5 से 10 लाख रुपये वार्षिक कमाई करने वालों के लिए यह दर 20 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी की गई है।

इसी तरह अब 10 से 12.5 लाख रुपये वार्षिक कमाई करने वालों को 30 फीसदी की जगह 20 फीसदी जबकि 12.5 से 15 लाख रुपये की वार्षिक आय वाले लोगों को 30 फीसदी की बजाय 25 फीसदी का आयकर देना होगा। हालांकि 15 लाख से अधिक की कमाई करने वाले लोगों पर आयकर की दर को पहले की ही तरह 30 फीसदी रखा गया है।

नई आयकर व्यवस्था के तहत प्रस्तावित दरें

वित्त मंत्री ने कहा कि हम करदाताओं को यह आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम उनके उत्पीड़न को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। संसद में बजट पेश करते हुए वित्ते मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नई कर व्यवस्था करदाताओं के लिए वैकल्पिक होगी। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसे पुराने आयकर व्यवस्था के अंतर्गत इस समय अधिक कटौतियां और छूट मिल रही हैं वह इनका लाभ उठा सकता है और पुरानी व्यवस्था के अनुसार कर का भुगतान जारी रख सकता है।

सीतारमण ने कहा, "हमने ऐसे उपाय शुरु किए हैं जिससे आयकर रिटर्न को समयपूर्व भरा जा सके ताकि कोई भी व्यक्ति जो नई व्यवस्था को अपनाता है उसे अपना रिटर्न दायर करने और आयकर का भुगतान करने में किसी विशेषज्ञ की सहायता लेने की जरूरत नहीं होगी।" वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर व्यवस्था को सरल बनाने के लिए, उन्होंने पिछले कई दशकों के आयकर छूटों और कटौतियों की समीक्षा की है।

नई कर व्यवस्था में किसी करदाता द्वारा दायर छूटों और कटौतियों के आधार पर उसे पर्याप्त कर लाभ मिलेगा। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति एक वर्ष में 15 लाख रुपये अर्जित करता है और वह किसी कटौती का लाभ नहीं उठा रहा है तो उसे पुरानी व्यवस्था में 2,73,000 रुपये का भुगतान करना होता जबकि नई कर दर के अनुसार अब उसे 1,95,000 रुपये का भुगतान करना होगा।

नई कर व्यवस्था करदाताओं के लिए वैकल्पिक होगी। यदि कोई व्यक्ति वर्तमान नियमों के तहत अधिक कटौतियां और छूटें ले रहा है, तो वह पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही कर का भुगतान करना जारी रख सकता है। बजट में विभिन्न प्रकृति के लगभग 70 छूटों और कटौतियों को समाप्त करने का प्रस्ताव किया गया है। शेष छूटों और कटौतियों की भी समीक्षा और उन्हें युक्तिसंगत बनाए जाने की घोषणा निर्मला सीतारमण ने की। उन्होंने कहा कि इससे कर व्यवस्था को और सरल बनाया जा सकेगा जबकि करों की दर को कम करने में मदद मिलेगी।

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