लखनऊ। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा कि किसानों का गेहूं किसी भी कीमत में न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे नहीं जाना चाहिए। गेहूं की समीक्षा करते हुए उन्होंने खरीद में पिछड़ने पर अधिकारियों को फटकार भी लगाई।
सोमवार को लखनऊ में मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों, एडीएम आपूर्ति और डिप्टी आरएमओ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग कर गेहूं खरीद की समीक्षा की। उन्होंने किसानों को बेहतर सुविधाएं और देकर तय अवधि में लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए। प्रदेश में इस बार गेहूं खरीद का लक्ष्य 45 लाख मीटि्रक टन रखा गया है। एक अप्रैल से 15 मई तक होने वाली सरकारी केंद्रों पर अब लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 12 फीसद यानी करीब सात लाख टन की ही खरीद हो सकी है। वहीं लखनऊ में 30 हजार टन के सापेक्ष मात्र 6.5 फीसद की खरीद हो सकी है। मुख्य सचिव ने गेहं की खरीद लक्ष्य में जिले के पिछडा़ होने पर नाराजगी जताई और खरीद केंद्रों पर गेहूं नहीं आने के कारणों की समीक्षा की। उन्होंने सभी जिलों के जिलाधिकारियों एसडीएम, एआरओ, डिप्टी आरएमओ को गेहूं खरीद केंद्रों का दौरा करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही केंद्रों पर बैग, वजन और नियमित रूप भुगतान करने को कहा। इसके साथ यह भी सुनिश्चत करने को कहा कि सभी मंडी में न्यूनतम समर्थन मूल्य का ध्यान रखा जाए और कोई किसान को किसी भी तरह से न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे बेचने के लिए बाध्य किया जाना चाहिए।