नाले व तालाब खोदाई में लाखों रुपये का घोटाला, ग्रामीणों ने की जिला अधिकारी से शिकायत

Update: 2017-05-22 16:26 GMT
नाले व तालाब खोदाई में लाखों रुपये का घोटाला।

नवीन द्विवेदी, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

उन्नाव। तहसील बीघापुर के विकासखंड की ग्राम पंचायत मगरायर में मनरेगा योजना के तहत पिछले एक वर्ष में नाले और तालाब खोदाई की सफाई के नाम पर लाखों रुपए की घोटाला किए जाने की शिकायत ग्रामीणों ने जिला अधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी से की है। वहीं ग्राम पंचायत में विकास कार्यों की जांच टीएसी से कराए जाने की मांग उठाई है।

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ग्रामसभा मगरायर निवासी शिक्षक व पूर्व सेना कर्मी सर्वेश कुमार, बबलू पांडेय संजीव कुमार व कपिल तिवारी आदि ने जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी को शिकायत पत्र देकर आरोप लगाया, शिवदीन खेड़ा माइनर से बड़े तालाब तक नाले की सफाई में लगभग तीन लाख रुपये का भुगतान मनरेगा से करा लिया गया है, किंतु मौके पर 4 हजार रुपए की ही मजदूरी मजदूरों के खातों में पहुंची है।

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वहीं रामसगरा तालाब की खोदाई व सुंदरीकरण के नाम पर चार लाख रुपए निकाल लिए गए हैं, जबकि तालाब की खोदाई में लगभग 400 रुपए से ज्यादा खर्च नहीं किया गया है। ग्रामीणो का आरोप है कि मनरेगा द्वारा कराए गए दोनों कार्यों में ग्राम प्रधान, पंचायत अधिकारी व तकनीकी सहायक ने मिलकर काम न करने वाले लोगों के खातों में मनरेगा का रुपया डालकर अपना हिस्सा वापस ले लिया है।

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संजीव कुमार मिश्र ने बताया, ''ग्रामसभा मगरायर में मनरेगा के धन में ग्राम प्रधान की दंबगई से लूट मची हुई है। शिकायतकर्ताओं ने इन कार्यों की फोटोग्राफ देकर जांच तकनीकी समिति से कराए जाने की मांग उठाई है।”

मनरेगा में धन के बदले बंदरबांट का मामला तब प्रकाश में आया जब आरटीआई कार्यकर्ता संजीव कुमार ने आरटीआई के माध्यम से ग्राम सभा के कार्यों की जानकारी ली। बताते चलें कि इसके पूर्व ग्राम प्रधान पति ने आरटीआई से मांगी गई सूचनाओं को नहीं दी गई। वहीं आरटीआई कार्यकर्ता पर ब्लाक परिसर में हमला भी किया था, जिस का मामला थाने में दर्ज हुआ था। राजनीतिक में मसहूर ग्राम प्रधान पति द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता की खुलेआम पिटाई की चारो ओर निंदा हो रही है।

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