किसानों को फायदा : कंपनियां ही किसानों से खरीद लेती हैं ककड़ी के बीज

Update: 2018-01-21 17:39 GMT
खेत में ककड़ी तोड़ती महिला। फोटो प्रमोद अधिकारी

बाराबंकी। ककड़ी के बीजों का उत्पादन करने वाले किसान आजकल काफी खुश हैं। वजह यह है कि किसानों को बीज बेचने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता। ककड़ी के उन्नत बीज की बुवाई से लेकर उसे दोबारा बाजार में भेजने तक, सब कुछ एक तयशुदा करार के तहत होता है।

आसान शब्दों में कहें तो बीज कंपनियां किसानों को पहले से तयशुदा रकम देने का वादा करके ककड़ी के बीज देती हैं और फसल तैयार होने पर किसानों से वादे के अनुसार बीज खरीद लेती हैं। इस तरह ककड़ी बीज का उत्पादन किसानों के अच्छे मुनाफे का जरिया बना है और किसान घर बैठे तैयार बीजों की बिक्री से तकरीबन पंद्रह हजार रुपए प्रति बीघे की आमदनी कर रहे हैं।

फसल तैयार होने के बाद ककड़ी के बीजों को एकत्र करती महिला किसान।

ये भी पढ़ें- राधमोहन सिंह ने बताया कि कैसे 2022 तक दोगुनी होगी किसानों की आय

यही वजह है कि जायद में मेंथा की जगह क्षेत्र के काफी किसान इन दिनों ककड़ी बीज उत्पादन पर जोर दे रहे हैं। बीज उत्पादक कंपनियों से बीज लेकर फिर उत्पादित बीज को उन्हीं के हाथों बेचकर वे कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। कम लागत में अच्छे मुनाफे के चलते इन दिनों क्षेत्र के मुन्नूपुरवा, पवैय्याबाद, दासखंड और कासिमगंज सहित कई गाँवों में ककड़ी बीज का उत्पादन किसानों की आर्थिक समृद्धि का आधार बना है।

मुन्नूपुरवा निवासी रीतेश वर्मा (35 वर्ष) ने बताया, “जायद में ककड़ी बीज का उत्पादन काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। ककड़ी बीज का खरीद दाम बीज उत्पादक फर्म पहले से ही तय कर देती है। लिहाजा, फसल बेचने की चिंता नहीं रहती।”

ये भी पढ़ें- आधुनिक तरीके से खेती शुरू कर इन महिलाओं ने पेश की मिसाल

वहीं पवैय्याबाद निवासी अवधेश वर्मा (45 वर्ष) ने बताया, “बीज की क्वालिटी को लेकर काफी ध्यान रखना पड़ता है। एक बीघे में 50 से 60 किलो तक बीज तैयार होता है। यह तीन सौ रुपए प्रति किलो की दर पर बेचा जा सकेगा। यह मुनाफे की खेती साबित होगी। इसका एक फायदा यह भी होता है कि तैयार बीज की घर से ही बिक्री हो जाती है।”

Full View

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

Similar News