ये हैं यूपी के “ ट्री मैन ”, 10 वर्षों में लगाए दो लाख पौधे 

Update: 2017-06-05 17:49 GMT
संतोष सिंह की फ़ोटो

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। बचपन से वृक्षों से लगाव रखने वाले संतोष सिंह उस समय चिंतित हुए जब उनके आस-पास पेड़ों की संख्या कम होती दिखाई दी। पेड़ों को वापस लाने के लिए उन्होंने 10 वर्षों में प्रदेश के चार जिलों में अब तक विभिन्न प्रकार के दो लाख पौधे लगा चुके हैं। इसके साथ ही तालाब खोदकर जल संरक्षण का काम भी कर रहे हैं। संतोष खुद पौधे लगाने के साथ ही हर किसी को दो पौधे लगाने के लिए प्रेरित भी करते हैं।

हर कोई अपने जीवन में दो पौधे जरूर लगाए, यही देते हैं सन्देश

आम का पेड़ 

अम्बेडकर नगर जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर पूरब दिशा में तरेम गाँव है। इस गाँव में रहने वाले संतोष कुमार सिंह (43) ने वर्ष 1993 में बीएससी एग्रीकल्चर से किया। बरगद, आंवला, पीपल, गूलर, सागौन, कटहल, अमरुद, यूकेलिप्टस जैसे तमाम पौधे लगाने की शुरुआत इन्होंने अपने गाँव से ही की। संतोष का कहना है, “मिट्टी की जांच की समझ मुझे बहुत अच्छे से थी। मिट्टी की जांच कर जिस मिट्टी के लिए जो पेड़ उपर्युक्त होता वही लगा देते। शुरुआत में सभी ने बहुत मजाक बनाया, लेकिन आज मैं बहुत खुश हूँ कि 10 साल की मेहनत में मैं दो लाख पौधे लगा चुका हूं। इस साल मैंने एक बीघा तालाब में जल संरक्षण शुरू किया है, जिसमें सीप पालन और मछली पालन भी हो रहा है।”

ये भी पढ़ें- वेटलैंड का नाम सुना है... सूखते तालों से खेती और सारस पर मंडराया खतरा

गाँव कनेक्शन

पौधरोपण में अपनी समझ बढ़ाने के लिए संतोष ने एग्रीकल्चर से बीएससी करने के बाद बनारस से “एग्री क्लीनिक एग्री बिजनेस”कोर्स किया। इन्होंने सड़क के किनारे पीपल, गूलर, बरगद, नीम के पेड़ लगाए, जिससे राहगीरों को इसकी छांव मिल सके। अपने गाँव में 11 बीघे खेत में इस समय 15 हजार यूकेलिप्टस, 4200 सागौन, 250 बेल, 300 करौंदा, 50 आम, 20 नींबू, 8 कटहल और दो आंवला के पेड़ लगा चुके हैं।

खेती किसानी से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

फोटो साभार: इंटरनेट

प्रदेश के अम्बेडकरनगर, प्रतापगढ़, आजमगढ़, देवरिया जनपदों में अब तक 184 बीघा खेती में दो लाख से ज्यादा पौधे लगा चुके संतोष सिंह बताते हैं, “एक बीघा में कोई भी पेड़ लगाने पर छह साल में तीन लाख लागत आ जाती है और मुनाफा भी आसानी से तीन लाख का होता है। पेड़ लगाने के दौरान जितने भी लोग हमें मिलते हैं, सबसे मै यही कहता हूँ कि अपने पूरे जीवन काल में हर व्यक्ति को कमसे कम दो पौधे जरूर लगाने चाहिए। बड़े पौधे नहीं तो तुलसी और गेंदा का पौधा तो कोई भी लगा सकता है।”

ये भी पढ़ें- एक महिला इंजीनियर किसानों को सिखा रही है बिना खर्च किए कैसे करें खेती से कमाई

कृषि विभाग के सहयोग से मल्टीस्टोरेज क्रापिंग व फार्मिंग सिस्टम एप्रोच को अपनाते हुए धान उत्पादन में संतोष सिंह को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। इन्हें प्रदेश सरकार और कृषि विभाग अम्बेडकरनगर ने कई बार पुरस्कारों से नवाजा है।

संतोष सिंह का कहना है, “जब तक जिंदा रहूंगा तब तक पौधरोपण करता रहूँगा। मैं अपने इस शौक को कभी खत्म नहीं होने दूंगा। मेरे इस काम में मेरी पत्नी सुमन सिंह बहुत सहयोग करती हैं।”

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

Similar News