900 परीक्षार्थी जमीन पर बैठकर दे रहे परीक्षा, हो रही नकल 

Update: 2017-04-24 21:23 GMT
रामसजीवन सावित्री देवी महाविद्यालय में परीक्षा देते विद्यार्थी।

बाराबंकी। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नकल के खिलाफ बहुत ही संख्त रुख अपनाये हुए है। बावजूद इसके नकल माफिया व कालेज प्रबंधन धन उगाही के लालच में परीक्षा के लिए निर्धारित सारे मानकों को ताक पर रखकर खुलेआम मानक विहीन परीक्षाएं संचालित करा रहे है।

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जी हां, ये हालिया मामला बाराबंकी जिले के नवाबगंज स्थित सफदरगंज क्षेत्र के रामसजीवन सावित्री देवी महाविद्यालय का है। यह कॉलेज राममनोहर लोहिया विश्वविद्यालय के अंतर्गत आता है, जिसमें सोमवार को बीए और बीएससी कक्षाओं की परीक्षा हो रही थी। इन परीक्षाओं के लिए रानी शांति देवी कालेज का सेंटर सफदर गंज के रामसजीवन सावित्री देवी महाविद्यालय आया हुआ था। यहां बैठने की व्यवस्था से दुगने विद्यार्थियों को मात्र कुछ कक्षाओं में बैठाकर परीक्षा दिलवाई जा रही है। यही नहीं अनेकों विद्यार्थियों को महाविद्यालय के प्रबंधक प्रशान्त वर्मा ने टेंट हाऊस में बैठा रखा है, जहां ये खुले मे ज़मीन पर बैठकर परीक्षा दे रहे थे।

रामसजीवन सावित्री देवी महाविद्यालय में क्षमता से दोगुने विद्यार्थी परीक्षा देते हुए।

जानकारों की माने तो कॉलेज में लगभग 450 विद्यार्थियों के बैठने की ही व्यवस्था है। जबकि यहां 900 विद्यार्थी परीक्षा दे रहे हैं।

कॉलेज के परीक्षा केंद्र का यह हाल देखकर जब स्थानीय रिपोर्टर ने प्रबंधक से इस सम्बन्ध में जानना चाहा तो प्रबंधक प्रशांत वर्मा मीडिया के सवालों का गोलमोल जवाब देते नजर आए। परीक्षा के लिए अनुमोदित केंद्र व्यवस्थापक भी केंद्र में मौजूद नहीं मिले। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने अव्यवस्थाओं की लिखित रिपोर्ट भी एसपी व एसडीएम को भेजी है।

पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी हो रही परेशानी

बीएससी में पढ़ रही एक छात्रा का कहना है कि यहां बैठने की सबसे बड़ी समस्या है। जिसकी वजह से जमीन में बैठकर परीक्षा देना पड़ रहा है। हम तो नकल नहीं करते, लेकिन दूसरे लोग मेरी कॉपी से नकल जरूर कर ले रहे है! वहीं स्कूल में परीक्षा करवा रहे अध्यापक पवन कुमार का कहना है जब सीट नहीं है तो क्या किया जाए। ये सब प्रबंधक लोग जाने वही रामसजीवन सावित्री देवी महाविद्यालय सफदरगंज के प्रबंधक प्रशांत वर्मा का अपनी सफायी में कहना है कि ये अव्यवस्था रानी शान्ति देवी महाविद्यालय के द्वारा फैलायी गयी है, उन्होंने कोई सीट का व्यवस्था नहीं करवाया, जिससे विद्यार्थी पास-पास बैठे हैं।

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