यूपी में गेहूं की तरह एमएसपी पर खरीदी जाएंगी खरीफ की फसलें

मंडी परिषद की संचालक मंडल की बैठक में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 2911.18 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दे दी गई। 150 करोड़ रुपए से होगा मंडियों का आधुनिकीकरण।

Update: 2018-07-25 08:28 GMT

लखनऊ।  मंडी परिषद की संचालक मंडल की बैठक में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 2911.18 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दे दी गई। मंगलवार को हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया कि जिस तरह गेहूं और चावल की एमएसपी पर खरीद होती है उसी तरह खरीफ की सभी फसलों की खरीद की जाए। बैठक में मंडियों के आधुनिकीकरण को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने का निर्णय लिया गया।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने अलीगढ़ व मुरादाबाद मंडलों में मक्के की तैयार फसल को एमएसपी पर खरीदने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि गेहूं-धान की तरह ही खरीफ की दूसरी फसलों को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का बंदोबस्त किया जाए। हाल ही में केंद्र ने खरीफ की 14 फसलों के एमएसपी का ऐलान किया था।


150 करोड़ रुपए से होगा मंडियों का आधुनिकीकरण

बैठक में प्रथम चरण में 25 नवीन मंडी स्थलों के विकास के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इन मंडियों में किसानों के लिए आधुनिक स्वागत कक्ष, सुविधायुक्त आरामघर, शौचालय, वाई-फाई की व्यवस्था, कोल्ड स्टोरेज, राइपनिंग चैंबर की व्यवस्था और कूड़े के निस्तारण के लिए उन्नत व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके लिए वार्षिक बजट में 150 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। फल-सब्जियों की बर्बादी को रोकने के लिए किसानों को प्लास्टिक के क्रेट मुफ्त देने का भी प्रस्ताव मंजूरी दी गई। इसके अलावा प्रदेश की सभी 219 मंडियों और 31 प्रमुख उप मंडियों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि प्रदेश में पहले से चल रहे 150 हाट- पैठों का आधुनिकीकरण किया जाए।

निर्यात प्रोत्साहन पर जोर

बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि काला नमक चावल के उत्पादन/विपणन और निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के माध्यम से शोध अनुदान दिया जाए। प्रदेश से कृषि उपज के निर्यात को बढ़ावा देने के मकसद से उद्यमी प्रोत्साहन अनुदान योजना को भी मंजूरी दी गई। 

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