इधर हो रही थी गायों के लिए एंबुलेस सेवा की शुरुआत, उधर कंधे पर बच्चे का शव लेकर भटकता रहा मज़दूर

Update: 2017-05-03 07:45 GMT
बेटे के शव को कंधे पर लेकर जाता मज़दूर

लखनऊ। सोमवार को इटावा में एंबुलेस सेवा न मिलने के कारण एक व्यक्ति को अपने पंद्रह साल के बेटे का शव कंधे पर लादकर ले जाना पड़ा। यह घटना उसी दिन की है जब इटावा से लगभग दो सौ किलोमीटर दूर उत्तर पद्रेश की राजधानी लखनऊ में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य गायों के लिए एंबुलेंस सेवा की शुरुआत कर रहे थे। विडंबना की बात यह भी कि जिस दिन यह घटना घटी उस दिन मज़दूर दिवस भी था और पूरे देश में मज़दूरों के उत्थान के लिए संगोष्ठियां चल रही थीं।

दरअसल, सोमवार को इटावा में उदयवीर सिंह नाम के एक वयक्ति ने अपने पंद्रह साल के बेटे को इलाज़ के लिए सरकारी अस्पताल में लाया था। उसका बेटा गंभीर रूप से बीमार था। बीबीसी के मुताबिक, इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर ने बताया कि बच्चे की मौत हो चुकी है, अब उसे उपचार की ज़रूरत नहीं। बच्चे के पिता उदयवीर ने वहां मौजूद कुछ पत्रकारों को बताया, सिर्फ़ पांच मिनट में डॉक्टर ने देखकर कहा कि बच्चा मर चुका है और इसे ले जाओ। अस्पताल वालों ने न तो कोई साधन दिया और न ही कुछ बताया। फिर मैं उसे अपने कंधे पर लेकर अस्पताल से घर लेकर गया क्योंकि मेरे पास गाड़ी करने के लिए पैसे भी नहीं थे।

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इस बारे में जब इटावा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजीव यादव से बात की गई तो उनका कहना था, दरअसल, उसी समय सड़क हादसे में घायल कई लोग अस्पताल में आ गए और शायद यही वजह हो कि मृत बच्चे को शव वाहन न मिल सका हो, लेकिन ये बेहद शर्मनाक है। साथ ही उन्होंने कहा कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।

हालांकि डॉक्टर राजीव यादव का ये भी कहना था कि इस बात की भी जानकारी ली जाएगी कि उदयवीर ने एंबुलेंस की मांग की थी या नहीं। बीबीबी के अनुसार, जिस वक़्त उदयवीर रोते हुए अपने मृत बच्चे को अस्पताल से लेकर बाहर जा रहा था उसी वक़्त किसी ने उसे कैमरे पर क़ैद कर लिया। फिर इस तस्वीर के सोशल मीडिया में आने के बाद लोगों को इसके बारे में पता चला। बीबीसी के मुताबिक, वैसे तो इटावा के सरकारी अस्पताल में पर्याप्त सुविधाएं हैं, मरीजों और मृतकों के शव के लिए विशेष वाहन की सुविधा के भी बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं लेकिन इस घटना ने इन सारे दावों की पोल खोल दी है। बहरहाल, मामले की जांच की जा रही है और ख़ुद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा है कि दोषी पाए जाने पर डॉक्टर के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी।

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