‘गेहूं बेचने के लिए दो घंटे से ज्यादा नहीं रुकेगा किसान’

Update: 2017-04-21 12:35 GMT
क्रय केंद्र पर गेहूं की सफाई करते किसान।

लखनऊ। प्रदेश सरकार ने गेहूं क्रय केंद्रों में किसानों से फसल खरीद को लेकर एक और अहम आदेश किया है। जिसके तहत किसी भी क्रय केंद्र पर किसानों को दो घंटे से अधिक के लिए नहीं रोका जाएगा। अभी तक खरीद की पूरी प्रक्रिया में पांच घंटे तक लग जाते हैं। इसके अलावा किसानों के लिए जलपान का भी बेहतर इंतजाम करने के लिए निर्देश जारी कर दिये गये हैं। एजेंसियों को एडवांस रुपया देने के लिए भी कहा। गेहूं खरीद में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों का तत्काल निलंबन किया जाएगा।

राज्य सरकार ने इस बार 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य 1625 रुपये पर खरीदने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा 10 रुपये प्रति टन की ढुलाई अलग से दी जाएगी। ये समर्थन मूल्य किसानों के अकाउंट में डायरेक्ट ट्रांसफर के जरिये पहुंचेगा। गेहूं की कटाई अब लगभग पूरी हो चुकी है। ऐसे में प्रदेश के करीब 70 हजार गेहूं क्रय केंद्र बनाए गए हैं। जिनमें एक अप्रैल से गेहूं की खरीद का आगाज किया गया है। मगर कई जगह किसानों को बहुत अधिक समय लगने की शिकायतें सामने आने के बाद अब सरकार की ओर से और सख्त आदेश जारी किया गया है। ताकि फसल की बिक्री में किसानों को बहुत अधिक समय न लगे और उनको तकलीफों का सामना न करना पड़े।

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“सभी समस्याओं का समाधान निकालते हुए गेहूँ खरीद के लक्ष्य को पूरा करना है। कार्य के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर कार्यवाही की जायेगी। इंचार्ज को तत्काल सस्पेंड करने के एजेन्सीवार एडवान्स में पैसे दे दिये जाये ताकि पैसे की समस्या न आये।”
अतुल गर्ग, खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री, उप्र

“तौल कांटे बढ़ाओ मगर किसानों को रोको नहीं”

प्रदेश के खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री अतुल गर्ग ने निर्देश दिये है कि क्रय केन्द्रों पर किसानों के बैठने तथा जलपान की समुचित व्यवस्था की जाये और किसानों का गेहूँ तत्काल खरीदा जाये। उन्होंने निर्देश दिए कि खरीद में 2-3 घण्टे से ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए। यदि आवश्यकता पड़े तो केन्द्र पर तौल के कांटे बढ़ा लिए जाए। गर्ग ने कहा कि सभी अधिकारियों को पूरी मेहनत से काम करना है। क्रय सम्बन्धी सभी समस्याओं का समाधान निकालते हुए गेहूँ खरीद के लक्ष्य को पूरा करना है। उन्होंने कहा कि कार्य के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि इंचार्ज को तत्काल सस्पेंड करने के एजेन्सीवार एडवान्स में पैसे दे दिये जाये ताकि पैसे की समस्या न आये। राज्य मंत्री ने प्रमुख सचिव, खाद्य एवं रसद कुमार अरविन्द सिंह देव, खाद्य आयुक्त अजय चौहान, अपर आयुक्त विपणन एके सिंह के अलावा खाद्य विपणन अधिकारी, वरिष्ठ सम्भागीय लेखा अधिकारी, क्रय एजेन्सियों के प्रबन्ध निदेशक तथा भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों को ये निर्देश जारी किये।

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