किसान दिवस में गूंजा बिजली-पानी का मुद्दा

Update: 2017-05-17 18:00 GMT
किसान दिवस।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

कन्नौज। किसान दिवस पर डीएम की सभा में दूर-दूर से आए अधिकतर किसानों ने बिजली और पानी की समस्या रखी। किसी ने नहर, नदियां और तालाब सूखे होने की बात कही तो नलकूप के लिए पर्याप्त बिजली और वोल्टेज का अभाव बताया।

कन्नौज जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर बसे अगौस गाँव से आए 82 वर्शीय किसान रामदीन शाक्य ने डीएम जगदीष प्रसाद की मौजूदगी में नहर विभाग के जेई से कहा, ‘‘कंसुआ से बड़ा बंबा निकला है। यह तिर्वा और इंदरगढ़ क्षेत्र का सबसे बड़ा बंबा है। आप बताएंगे कि यह कब से सूखा है। पानी नहीं है किसानों की दुर्दशा हो रही है।’’

सदर कन्नौज ब्लॉक क्षेत्र के सीहपुर निवासी 24 वर्शीय दीपक सिंह ने कहा, ‘‘तीन-चार साल से नलकूप खराब है। करीब 500 बीघा जमीन की सिंचाई सरकारी नलकूप से होती है। मैं पिछले साल दसियों बार दौड़ा, लेकिन नलकूप नहीं सही किया गया। अधिकारी ने बजट आने की बात कहकर हर बार टाल दिया।’’

डीएम ने इस पर एक्सईएन एसके त्रिवेदी से पूछा कि आखिर कितने बजट की जरूरत है। अब तक इसको सही क्यों नहीं किया गया। एक्सईएन ने जवाब दिया करीब एक-डेढ़ लाख के बजट की आवष्यकता होती है।

नरायनपुर्वा से आए 60 वर्शीय किसान गौरव कुमार ने बताया कि ‘‘एक ट्रांसफार्मर से तीन नलकूपों के कनेक्षन थे। दूसरे ट्रांसफार्मर की लाइन बिजली विभाग काट ले गया और पहले वाले में तीन और कनेक्षन कर दिए। इस कारण वोल्टेज कम आते हैं।’’

गौरव आगे कहते हैं कि ‘‘जब उनको कनेक्षन लेना था तो एक ट्रांसफार्मर से तीन कनेक्षन ही करने की बात बिजली विभाग ने कही थी, अब एक ट्रांसफार्मर से छह कनेक्षन दे दिए। बिजली विभाग ने रूपए लेकर सब काम किया है।’’ इस पर एसडीओ वीरभद्र ने सफाई दी कि 63 केवीए के ट्रांसफार्मर से छह कनेक्षन मानक के अनुसार हैं। एक कनेक्षन नौ केवीए का होता है। बाद में डीएम ने कहा कि दूसरा ट्रांसफार्मर षुरू कर तीन-तीन कनेक्षन किए जाएं।

ठठिया क्षेत्र के चंदौली गांव निवासी राजेंद्र त्रिपाठी (55) ने कहा कि ‘‘घरों में मोटर एक समान हैं और बिजली बिल अलग-अलग आ रहा है। लो-वोल्टेज की समस्या भी है।’’ उन्होंने लघु सिंचाई विभाग पर डीएम के समक्ष आरोप लगाया कि ‘‘मुझे बोरिंग सर्टिफिकेट के लिए दौड़ाया जा रहा है। सभी डाॅक्यूमेंट दे चुके हैं।’’ जसपुरापुर के एक किसान ने गांव में पांच घंटे बिजली मिलने की षिकायत दर्ज कराई।

पानी प्राकृतिक है। इसे बनाया नहीं जा सकता। लोग पानी की बचत करें और पेड़ लगाएं। कम पानी वाली फसलें करें। बिजली अधिक से अधिक दिलाई जाएगी। इसके लिए ऊर्जामंत्री और षासन को पत्र लिखा जाएगा। पानी की समस्या दूर करने के लिए सुझाव भी आमंत्रित हैं।
जगदीष प्रसाद, डीएम,कन्नौज

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