सरकारी केंद्रों पर आलू बेचने को राजी नहीं किसान

Update: 2017-04-26 09:03 GMT
उत्तर प्रदेश में एक लाख मीट्रिक आलू खरीदा जाना है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

कन्नौज। ‘‘अभी तक 30 क्विंटल आलू खरीदा गया है। दो लाख रुपए का बजट है। किसान सरकारी केंद्रों पर मानक के तहत आलू बेचने को तैयार नहीं हैं। 20-25 सेमी का आलू खरीदा जा रहा है।’’ यह कहना है पीसीएफ केंद्र के जिला प्रबंधक गीरीश चंद्र श्रीवास्तव का।

वह आगे बताते हैं,“ सूबे के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने आलू का समर्थन मूल्य 487 रुपए प्रति कुंतल निर्धारित किया है। इसके तहत उत्तर प्रदेश में एक लाख मीट्रिक आलू खरीदा जाना है। कन्नौज जिले में दो कंपनियों के तीन केंद्र आलू खरीद के लिए खोले गए हैं। दो केंद्र पीसीएफ के और एक केंद्र यूपीएसएस का खुला है।”

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डीएचओ मुन्ना यादव कहते हैं, ‘‘तीन केंद्रों पर 10-10 कुंतल आलू खरीदा गया है। कुल 30 कुंतल खरीद 14 अप्रैल से हुई है। दो केंद्र कन्नौज में गणेश कोल्ड स्टोरेज और कन्नौज शीतगृह में खोले गए हैं। तीसरा केंद्र सौरिख में नादेमऊ रोड पर खुला है।’’ वह आगे बताते हैं,“ जिले में आलू खरीद का लक्ष्य निर्धारित नहीं है। किसान सरकारी केंद्र पर आलू बिक्री को जल्द नहीं आ रहे हैं। चूंकि शासनादेश के तहत आलू खरीदा जा रहा है। इसमें आलू छांटकर लिया जा रहा है। बाजार में 450 रुपए प्रति कुंतल आलू बिक रहा है। सरकारी केंद्रों की अपेक्षा किसान बाजार में आलू बिक्री करना अधिक पसंद करते हैं। सरकारी में दागी, आलू की कम साइज और चेचक वाला आलू खरीद से अलग कर दिया जाता है। ”

जिला मुख्यालय से 76 किमी दूर सौरिख ब्लाक के नगला खेमकरन निवासी किसान नाहर सिंह (60 वर्ष) बताते हैं, ‘‘मेरा आलू सड़ गया है। 50 पैकेट बचे हैं। रेट जहां अच्छा मिलेगा वहां बिक्री करेंगे। सरकारी में छंटाई होती है, आढ़तों पर नहीं। जहां उचित रेट होंगे वहां बेच देंगे।’’

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