प्रशांत श्रीवास्तव, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
बहराइच। जनपद में हर साल अग्नि कांड से करोड़ों की सम्पत्ति राख हो जाती है। हजारों लोग बेघर हो जाते हैं, फिर शुरू हो जाता सरकारी सहायता देने का दौर जिसमे लाखों रुपये सरकार द्वारा अग्निपीड़ितों को देकर इतिश्री कर ली जाती है। इस परेशानी के स्थायी समाधान, प्रचार-प्रसार, अग्निशमन विभाग के फायर स्टेशन और संसाधनों की कमी को नजर अंदाज कर दिया जाता है।
देश-दुनिया से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप
बहराइच जनपद की सीमा लगभग 1400 गाँवों के साथ 4696 वर्ग किलोमीटर में फैली है। जहां एक तरफ गर्मी बढ़ने के साथ ही ग्रामीण इलाकों में अग्निकांड की घटनाएं शुरू हो रही है। वहीं संसाधनों और कर्मियों की कमी झेल रहा अग्निशमन विभाग को सरकार की तरफ से निराशा ही हाथ लग रही है। जनपद में दो फायर स्टेशनों और छोटे बड़े मिलकर 10 वाहनों के साथ बचाव कार्य करने पर मजबूर है।
हमारे इलाके में जब आग लगती है तो सब गाँव वाले मिलकर ही आग बुझाते हैं, क्योंकि दूर होने की वजह से दमकल की गाड़ी जल्दी नहीं पहुंच पाती है।राम खेलावन (45 वर्ष), बिछिया गाँव निवासी, मिहींपुरवा ब्लॉक
शिवपुर ब्लॉक के इमामगंज बाजार के 40 वर्षीय जगदीश बताते है, “जिले में अग्निशमन केंद्र ब्लॉक स्तर पर होने चाहिए ताकि जहां घटना हो वहां तत्काल मदद पहुंच सके। अभी अगर कोई हादसा होता है तो बहराइच या नानपारा से गाड़ी आती है। ऐसे में अगर एक साथ दो इलाको में घटना घट जाय तो दूसरी जगह मदद पहुंच ही नहीं पायेगी।”
इस संबंध में जिला अग्निशमन अधिकारी कामता प्रसाद ने बताया, “हमारे पास 23 फायर ब्रिगेड की गाड़िया तो हैं पर ड्राइवर केवल तीन हैं। ऐसे में हमे दिक्कत होती है। अगर विभाग में अग्निशमन केंद्रों और ड्राइवरों की कमी पूरी हो जाय तो हम अपने काम को और अच्छे से कर पाएंगे।”
ग्रामीण इन बातों का रखें ध्यान
फूस के घर रेलवे लाइन और बिजली की लाइन से दूर हों। सूखे कंडों के ढेर घर से सौ फीट की दूरी पर लगाएं। चूल्हे की जलती बची लकड़ी को पूर्ण रूप से बुझा दें। खलिहान, तालाब और पानी के स्रोतों के निकट लगाएं। खलिहान के पास पानी से भरे घड़े, मिट्टी के ढेर लगाएं। थ्रेसर में गीली फसल न लगाएं। यह फंसकर घर्षण उत्पन्न करती है, जिसकी गर्मी से आग लग जाती है। बिजली की लाइन और ट्रांसफार्मर के पास खलिहान न लगाएं।
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।