उत्तर प्रदेश के पेट्रोल पंप संचालकों पर सरकार ने कसी नकेल

Update: 2017-05-03 11:19 GMT
6600 पेट्रोल पंपों की होगी जांच।     फोटो : विनय गुप्ता

लखनऊ। प्रदेश की राजधानी में पेट्रोल पंपों की घटतौली की धरपकड़ से परेशान पेट्रोल पंप संचालकों ने मंगलवार को हड़ताल की घुड़की दी थी। प्रशासन के सख्त रवैए के कारण दोपहर को ही हड़ताल खत्म कर दी गई। सरकार ने पेट्रोल पंप संचालकों दो टूक कह दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में वह समझौता नहीं करने वाली और न ही दबाव में आने वाली है। सरकार ने पेट्रोल-डीजल की घटतौली के खिलाफ अभियान को विस्तार देते हुए प्रदेश के सभी 6600 पेट्रोल पंपों की सभी स्तर पर जांच कराने का निर्देश दिये हैं।

मुख्य सचिव राहुल भटनागर के निर्देश के बाद हर जिले में पुलिस, मजिस्ट्रेटों के संयुक्त जांच दल गठित कर दिये गए हैं जो आज (बुधवार) से जांच शुरू करेंगे। जहां घटतौली या इलेक्ट्रानिक चिप मिलेगी, वहां कठोर कार्रवाई होगी।

एसटीएफ ने 17 पेट्रोल पंपों में घटतौली का किया पर्दाफाश

स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के आपरेशन में लखनऊ के 17 पेट्रोल पंपों में घटतौली का पर्दाफाश और ताबड़तोड़ गिरफ्तारियों के बाद पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने कार्रवाई रोकने के लिए पहले हड़ताल की चेतावनी दी, आंशिक हड़ताल भी की और मंगलवार को सरकार की ड्योढ़ी पर पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने कहा- भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम में कोई दबाव में नहीं आएगी सरकार

लखनऊ पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को सचिवालय एनेक्सी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उन्हें पंप संचालकों का उत्पीड़न न किये जाने का अनुरोध किया। इस दौरान उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और मुख्य सचिव भी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधियों से साफ कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम में किसी दबाव में नहीं आएगी लेकिन किसी को बेवजह परेशान भी नहीं किया जाएगा।

6,600 पेट्रोल पंपों की होगी जांच

इस कवायद के बीच मुख्य सचिव राहुल भटनागर, डीजीपी सुलखान सिंह ने तेल कंपनियों, केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक की और फिर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये डीएम, एसएसपी को प्रदेश में विभिन्न तेल कंपनियों के 6,600 पेट्रोल पंपों की चेकिंग कराकर घटतौली करने वालों पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

प्रतिदिन उपलब्ध कराया जाएगा ब्योरा

यह भी कहा गया कि प्रतिदिन निर्धारित प्रारूप पर कार्रवाई का ब्योरा उपलब्ध कराया जाए। मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि जांच दल में मजिस्ट्रेट, डीएसओ, पुलिस क्षेत्राधिकारी, बाट-माप विभाग के निरीक्षक, ऑयल कंपनी के अधिकारी और तकनीकी स्टाफ को शामिल किया जाए।

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चिप की पुष्टि होने पर सील होगा पंप

पेट्रोल पम्प पर इलेक्ट्रानिक चिप की पुष्टि होने पर पूरा पम्प सील करने के स्थान पर संबंधित डिस्पेंसिंग यूनिट को सील किया जाए और उसकी आख्या तुरंत अपर मुख्य सचिव, खाद्य एवं रसद विभाग को भेजी जाए। भटनागर ने यह भी कहा कि संयुक्त टीम के गठन व निरीक्षण का निर्धारित प्रारूप एवं आवश्यक निर्देश तत्काल हासिल किया जाए।

एसटीएफ ने बताया कैसे करें जांच

वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान एसटीएफ के अधिकारियों ने डीएम-एसपी को बताया कि जांच के दौरान डिस्पेंसिंग यूनिट को खुलवा कर उसकी सील और उसके अंदर लगी चिप की जांच की जाए। जांच के बाद बाट-माप अधिकारियों से ही यूनिट को सील कराया जाए। एसटीएफ अधिकारियों ने बरामद चिप और उसे संचालित करने वाले रिमोट की तस्वीरें भी डीएम और एसएसपी को ई-मेल से भेजी हैं।

ये अधिकारी रहे मौजूद

वीडियो कांफ्रेंसिंग में केंद्र सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय के संयुक्त सचिव आशुतोष जिंदल, प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा, डीजीपी सुलखान सिंह और अपर मुख्य सचिव खाद्य एवं रसद समेत संबंधित ऑयल कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

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